मधुमयी चाँदनी- डॉ उमेश कुमार राठी

शोखियों में घुली मधुमयी चाँदनी
प्रीत पाकर छिड़ी सुरमयी रागिनी

खनखनाती रहीं चूड़ियाँ रात भर
प्यार की हर अदा हो गयी जामुनी

रात रानी महकने लगी आजकल
दीप दिल में जले खिल गयी यामिनी

बाँसुरी की सदां से घिरी जब घटा
दामिनी की दमक हो गयी भावनी

साँवरे के परस से जगी उर ललक
राधिका कृष्ण की बन गयी भामिनी

रंग में रँग मिला हो गया एक रँग
माधुरी सी दुआ हो गयी फागुनी

साँस में साँस का हो गया जब विलय
मीत की कामना हो गयी पावनी

-डॉ उमेश कुमार राठी