कर्तव्य पथ पर खड़ा
सेवा का व्रत हें लिया
दिन रात ना मैंने देखा
मैं एक डॉक्टर हूँ
जान हथेली पर लेकर
मर्ज तुम्हारा छूता हूँ।
हिन्दु-मुस्लिम सिक्ख-ईसाई से परें
इलाज सभी का करता हूँ
मैं एक डॉक्टर हूँ
भावनाओं से भरा हुआ
संवेदनाओं की गागर
तयाग और तपस्या हूँ
मैं एक डॉक्टर हूँ
जनता का रक्षक मैं
रोगों का निवारक हूँ।
जीवन रक्षा की खातिर
मैं नित साधना हूँ
मैं एक डॉक्टर हूँ
मुझ पर थोड़ा करो ऐतबार
मुझ पर थोड़ा करों विश्वास
अपमान जहर के घूँट ना पिलाओं
विनती बस इतनी करता हूँ
मैं एक डॉक्टर हूँ
-गरिमा राकेश गौतम
शिक्षिका, माँ भारती स्कूल,
महावीर नगर