मौसम बहार का है आज
मौका इज़हार-ए-इश्क़ का है आज
बंदिशें तोड़ बादल चूम रहा है जमीं को आज
सर्द मौसम में दिल आह भरता है आज
कौन रोके कौन टोके तुम्हें आज
तुम आवारा बादल बरसो आज
भीग जाए शब मेरा तर बतर आज
उसकी गर्माहट को दिल तरसे आज
बरसों पर यू गरजों न आज
दिले-बेक़रार को तरसाओ न आज
क्या पता क्या मिले सुकूँ आज
मौसम बहार का है आज
– मनोज कुमार