अभिमन्यु की मौत पर,
अर्जुन दु:ख में डूबा था
तब मुरली वाले केशव ने,
अर्जुन को गले लगाया था
शोक में डूबे पांडवो को,
क्षत्रिय धर्म बताया था
युद्धभूमि में वीरगति को पाना,
सच्चा धर्म है सिखाया था
शोक संतृप्त उत्तरा को,
क्षत्राणी पाठ पढ़ाया था
कांत तेरा वीरगति को प्राप्त हुआ,
उत्तरा को समझाया था
गर्व करो तुम अभिमन्यु पर,
वो वीर सेनानी था
धरा है जननी वो जिसने ,
अभिमन्यु वीर जाया था
एक अकेला निहत्था,
कौरव सेना पर भारी था
परम वीर वीरता का पर्याय,
वीरता से जग को त्यागा था
-गरिमा राकेश गौतम
कोटा राजस्थान