चलो आज हम एक बात करते हैं
अन्नदाता को फिर याद करते हैं,
आज हम उनकी भी सुनते हैं
चलो उस किसान की बात रखते हैं
वो कठिन परिस्थितियों से जुझता है
फिर भी उस सुखी इंसान की बात करते हैं,
ना भूखा रहा, ना रहने दिया जिसने
चलो आज उस अन्नदाता को फिर याद करते हैं
दिनेश प्रजापत
गांव- मूली, जालौर