प्रियंका महंत
रायगढ़, खोखरा,
छत्तीसगढ़
गुरु है तो जीवन सार्थक है तेरा जान,
बिन गुरु जन्म निरर्थक है तेरा मान
गुरु की सन्निधि, प्रवचन, आशीर्वाद व अनुग्रह,
जिसे भी मिल जाये ये, सबसे बड़ा शिक्षा दान
जीवन ही कृतार्थता से भरा, जो मिल गया उसे ये वरदान
गुरु से बढ़कर इस जग में, है ना कोई महान
भूल से भी तुम कभी ना, कर जाना गुरु का अपमान।
गुरु की महिमा का, कभी ना कोई कर सका बखा़न
गुरु तो गुरु है, करे सबको एक समान शिक्षा प्रदान
गुरु की कृपा से बनी है, तेरी ये पहचान
गुरु के मार्गदर्शन से चमक उठी, ये तेरी शान
गुरु का महत्ता ना समझा, तो है तू नादान
गुरु बिन आत्म-दर्शन ना परमात्म दर्शन, गुरु से मिलता सारा ज्ञान
गुरु को आदरपूर्ण भाव है देना, कर्त्तव्य यही कहता हमारा वेद-पुराण
गुरु की ना मिली अनुभवजन्य ज्ञान, तो इस लोक में तेरा क्या स्थान
गुरु की छत्रछाया से, हर बालक है सौभाग्यवान
प्रियंका महंत की कोशिश, आखिर कैसे करूं मैं गुरु का गुणगान