जिस प्रकार मिलने से होती प्रीत पूरी है
उसी तरह मिले बिना बिछड़न भी अधूरी है
बिछड़न को रोकने के लिए ही सही
एक बार मिलना बहुत जरूरी है
तुम खोजोगे तो पाओगे कि क्या मजबूरी है
अहसासों से अहसासों के बीच कितनी दूरी है
अहसासों की ज़िंदगी के लिए ही सही
एक बार मिलना बहुत जरूरी है।
-सोनल ओमर