Saturday, December 28, 2024
Homeसाहित्यज़िन्दगी का किस्सा: रूची शाही

ज़िन्दगी का किस्सा: रूची शाही

दिल मे किसी और को लाकर देखा
तेरी तस्वीर को भी जला कर देखा
तेरी यादें किसी सूरत न गयी मुझसे
मैंने सब कुछ तो आजमा कर देखा

* * *

किसी के बिन नही रुकती है
ज़िन्दगी तो चलती रहती है
बस पूछना है तुमसे इतना
मेरी कमी तो नही खलती है

* * *

दर्द की हद से गुजरते रहे हम
चाह में तेरी यूं भटकते रहे हम
ज़िन्दगी का किस्सा रहा, बस इतना सा
रोज़ जीते रहे, रोज़ मरते रहे हम

रूची शाही

संबंधित समाचार

ताजा खबर