सोनल मंजू श्री ओमर
राजकोट, गुजरात
मैं तेरी साधारण सी बेटी थी,
तुमने मुझे असाधारण प्यार किया।
क्या लिखूँ मम्मी कि तुमने मुझे,
कितनी ममता स्नेह अपार दिया।।
हमेशा सुरक्षा कवच बनी हो,
मेरे जीवन की हर कठिनाई में।
हर कदम पर मेरे साथ रही हो,
हर बज़्म हर तन्हाई में।।
केवल सुंदर नाम नही,
सुंदर व्यक्तित्व भी तुमसे मिला।
जीवन में जो कुछ पाया,
वह सब कुछ मुझे तुमसे मिला।।
मेरे भविष्य को सोच-सोचकर,
जब तुम चिंता से घिर जाती हो।
थोड़ा डाँट-लाड़कर मुझपर,
खुद मन-ही-मन भर आती हो।।
हर अच्छी-बुरी बातों की,
सीख सदा यूँही देना तुम।
हर पल, हर लम्हें में मेरे,
बस साथ हमेशा रहना तुम।।