कभी इस की सुन,
कभी उस की सुन
दुनिया कुआँ जंजाल का है,
बात–बात पर सब की सुन
जो आगे बोले उसकी सुन,
जो पाछे बोले उसकी सुन
इतना सोचेगा तो मारा जाएगा
पगले
धुन अपनी तू खुद से चुन
भले ही हो जा औरों का तू,
पर हरदम अपने दिल की सुन
प्रियंका गुप्ता
नई दिल्ली
कभी इस की सुन,
कभी उस की सुन
दुनिया कुआँ जंजाल का है,
बात–बात पर सब की सुन
जो आगे बोले उसकी सुन,
जो पाछे बोले उसकी सुन
इतना सोचेगा तो मारा जाएगा
पगले
धुन अपनी तू खुद से चुन
भले ही हो जा औरों का तू,
पर हरदम अपने दिल की सुन
प्रियंका गुप्ता
नई दिल्ली