रूची शाही
अच्छा सुनो!
तूम्हारे बालों में आई सफेदी से फर्क नहीं पड़ता
उम्र के हर मोड़ पर तुम मुझे अजीज ही रहोगे
हाँ ये अलग बात है कि
तुम्हारे बेतरतीब बाल पसंद नहीं हैं मुझे
तुम स्मार्ट दिखो, कूल दिखो, हॉट दिखो
ऐसा चाहती हूँ मैं
पर तुम्हारे चेहरे पे पड़ने वाली झुर्रियां
हमारे रिश्ते की गहराई और मैच्योरिटी की निशानी होगी
तुम ढीले-ढाले शर्ट पहनो तो चिढ़ जाती हूँ मैं
तुमको टीशर्ट और जीन्स में देखना ही अच्छा लगता है मुझे
तुम मेरी आँखों बस आकर्षण बिंदु ही नहीं
केंद्र बिंदु भी हो
जिसके चारों ओर मेरी जिंदगी घूमती है
अच्छा ये बताओ
क्या गलत चाहती हूँ मैं
तुमको चाहा है मैंने तो एवज़ में
अब क्या इतना भी तुमसे न चाहूँ मैं