कुछ हैं
जो नहीं करते
सूर्य की उपासना
वे होते हैं
दानव, दैत्य, राक्षस
अमानुष, निशिचर, उलूक
वे कभी
सवेरा नहीं देख पाते
वे रात्रि को जीते हैं
रातभर जागते हैं
अंधकार के हैं उपासक
काले धंधों के संपोषक
एक बार
कर लें वे
दिव्यालोक के दर्शन
समझ लें
सत्य जीवन संदर्शन
सवेरा आता है
सभी को जगाता है
नव जीवन लाता है
प्रकाश
सचमुच भाग्य विधाता है
गौरीशंकर वैश्य विनम्र
117 आदिलनगर, विकासनगर ।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश- 226022
संपर्क- 09956087585