साहित्य सूनी नाव: जसवीर त्यागी By लोकेश नशीने - August 14, 2020 WhatsAppFacebookTwitterTelegramCopy URL एक सूनी नाव लहरों से टकराती हुई नदिया के बीचोबीच पहुँच गयी है लहरें कभी उसे इस तरफ ठेलती हैं कभी उस तरफ नाव यहाँ-वहाँ डोल रही है नहीं मालूम कहाँ पहुँचेगी अगर कोई खेवैया न हो तो नाव की कोई मंजिल नहीं होती जसवीर त्यागी