एमपी में सैलरी मिल रही सातवें वेतनमान के अनुरूप, लेकिन 16 वर्ष पुरानी दर से कट रही बीमा की राशि

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की पिछले 16 वर्षों से राज्य कर्मचारियों एवं अधिकारियों की समूह बीमा योजना अंतर्गत वेतन से जो राशि काटी जा रही है, वो इस प्रकार है चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का 100 रुपए तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का 200 द्वितीय श्रेणी अधिकारी 400 रुपए एवं प्रथम श्रेणी अधिकारियों का 600 रुपए, जबकि पिछले 12 वर्षों में कर्मचारियों को मिलने वाला वेतन लभगभ दो गुना हो गया है, किन्तु बीमा राशि में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

राज्य के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को 2016 से सातवें वेतनमान दिया जा रहा है, किन्तु समूह बीमा राशि पांचवें वेतनमान से काटी जा रही है। ऐसी स्थिति में यदि सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रित परिवार को मात्र 2.5 लाख बीमा राशि ही मिल पाती है, जो मंहगाई को देखते हुए बहुत कम है।

संघ के मुकेश सिंह, मंसूर बेग, मनीष चौबे, योगेन्द्र मिश्रा, श्यामनारायण तिवारी, शुभसंदेश सिंगौर, प्रमोद वर्मा, प्रणव साहू, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, प्रशांत शुक्ला, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, मनीष लोहिया, राकेश पाण्डे, मनीष शुक्ला, सुदेश पाण्डे, विनय नामदेव, पवन ताम्रकार, संजय साहू, विष्णु पाण्डे, मनोज सेन, संतोष तिवारी, महेश कोरी, वेदप्रकाश गुप्ता, बृजेश गोस्वामी आदि ने प्रदेश मुख्य सचिव से मांग की है कि तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की समूह बीमा योजना अंतर्गत काटी जानी वाली राशि सातवें वेतनमान के अनुरूप 500 रुपए प्रतिमाह की जावे।