एमपी के आउटसोर्स कर्मियों की चुनाव में प्रत्याशियों को दो टूक- वोट मांगकर शर्मिंदा नहीं करें

मध्य प्रदेश के ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स संयुक्त संघर्ष मोर्चे के समन्वयक राहुल मालवीय व दिनेश सिसौदिया का कहना है कि नगरीय निकाय चुनाव के दौरान इन दिनों मध्य प्रदेश के विभिन्न विभागों, शासकीय उपक्रमों, नगर निगम, मण्डल, बोर्ड व सभी बिजली कंपनियों में कार्यरत ढाई लाख आउटसोर्स कर्मी अनूठा पोस्टर-फ्लैक्स अभियान समूचे प्रदेश में चला रहे हैं। 

आउटसोर्स कर्मी अपने घर के दरवाजे पर लगे पोस्टर-फ्लैक्स पर अपनी दयनीय, दर्दनाक दास्तान लिख रहे हैं कि चुनाव में सुन प्रत्याशी सुन, ढाई लाख आउटसोर्स कर्मियों की धुन। यह मप्र के आउटसोर्स ठेका कर्मचारी का घर है, जिसे केन्द्र सरकार के आउटसोर्स कर्मी की तुलना में प्रतिमाह मात्र आधा वेतन ही नसीब हो पा रहा है और न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत 5 साल बीतने पर भी मप्र में आउटसोर्स कर्मी का न्यूनतम वेतन रिवाईज नहीं हुआ है और कई साल कार्यरत रहने पर भी आउटसोर्स कर्मी नियमित नहीं हुये हैं।

इसलिए पहले सेंट्रल समान न्यूनतम वेतन मप्र में भी दिलवाये, हमें नियमित करवायें, अन्यथा वोट मांगकर हम ढाई लाख आउटसोर्स ठेका कर्मियों को शर्मिन्दा नहीं करें। यह आउटसोर्स अभियान वरिष्ठ कर्मचारी नेता वासुदेव शर्मा एवं कृष्ण गोपाल पुरोहित के नेतृत्व में पूरे मप्र में एवं कटनी जिले में जिलाध्यक्ष सतीश साहू के नेतृत्व में चलाया जा रहा है।