बिजली कर्मियों को मिले अपने गृह जिले में स्थानांतरण की सुविधा, यूनाइटेड फोरम ने ऊर्जा मंत्री को लिखा पत्र

यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाईज एवं इंजीनियर्स के अध्यक्ष व्हीकेएस परिहार विद्युत वितरण कंपनियों में कार्यरत नियमित एवं संविदा कर्मियों को अपने गृह जिले में कंपनी में स्थानांतरण करने की सुविधा प्रदान करने के लिए वन टाइम चैनल खोलते हुए गृह जिला में ट्रांसफर नीति बनाने की मांग करते हुए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखा है।

अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि जैसा कि सर्वविदित है कि “कोविड- 19” कोरोना महामारी जैसे विपदा के दौर एवं जनता कर्फ्यू के बाद से ही निरंतर विद्युत विभाग के प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारियों ने मध्य प्रदेश की विद्युत व्यवस्था बनाये रखने हेतु अपनी जान की परवाह किए बगैर संभाल रखी थी एवं भविष्य में भी आपके मार्गदर्शन में विद्युत कर्मी कंधे से कंधा मिलाकर मध्य प्रदेश सरकार के साथ 24×7 विद्युत प्रदाय हेतु संकल्पबद्ध है।

उक्त समय कोरोना महामारी के समय अपने वृद्ध माता-पिता से दूर रहकर विद्युत विभाग में सेवा करने एवं उनके स्वास्थ्य के प्रति चिंतित रहने के कारण विद्युत कर्मियों को भारी मानसिक अवसाद से गुजरना पड़ा था। विद्युत कंपनियों में भारी संख्या में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के नियमित एवं संविदा कर्मी अपने गृह जिले से अत्याधिक दूरी पर कार्य कर रहे हैं. जिससे की वह अपने पारिवारिक दायित्वों के साथ-साथ वृद्ध माता-पिता की देखभाल भी नहीं कर पा रहे हैं एवं आर्थिक कठिनाईओं से भी परेशान है।

फोरम आपको अवगत कराना चाहता है कि विद्युत कंपनियों में कार्यरत अधिकांश विद्युत कर्मी जिसमें महिला कर्मी भी शामिल है, अपने गृह जिले एवं परिवार से सैकड़ों किलोमीटर दूर पदस्थ होने के कारण मानसिक अवसाद से ग्रसित रहते हैं, जिससे उनकी कार्य दक्षता भी प्रभावित होती है। जैसा की विदित है विद्युत विभाग में निरंतर जोखिम भरे कार्यों में पूर्ण सजगता एवं सावधानी से कार्य करना अत्यंत आवश्यक होता है जिसमें किसी भी प्रकार का मानसिक अवसाद बड़ी दुर्घटना का कारण हो सकता है।

अतः आपसे अनुरोध है कि विद्युत कंपनियों में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के नियमित एवं संविदा कर्मियों को उनके गृह नगर की कंपनी में वन टाइम चैनल खोलते हुए स्थानांतरित किए जाने की कृपा करें ताकि विद्युत कर्मी विद्युत विभाग में अपनी सेवा के दायित्वों के साथ-साथ परिवार के साथ रहकर वृद्ध माता-पिता के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सके।