विद्यार्थियों का भविष्य संवारने वाले एमपी के अतिथि शिक्षकों का जीवन हुआ अंधकारमय

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूर्ति हेतु हजारों अतिथि शिक्षक लगभग 15 वर्षों से प्रदेश के ग्रामीण अंचल की दूर दराज की शालाओं में अपनी सेवायें दे रहें हैं, किन्तु शिक्षा विभाग द्वारा इनके नियमितीकरण के संबंध में कोई योजना नहीं है। प्रदेश के विद्यार्थियों का भविष्य संवारने वाले इन अतिथि शिक्षकों का जीवन उन्हें अंधकारमय नजर आ रहा है।

ये अतिथि शिक्षक अपने जीवन का एक लम्बा अरसा पठन-पाठन कार्य में लगा चुके है तथा उम्र के इस पडाव में अन्य कोई व्यवसाय करने योग्य नहीं हैं। यदि शासन द्वारा इन अतिथि शिक्षकों के नियमिततीकरण की कोई ठोस योजना नहीं बनाई जाती है तो इन अतिथि शिक्षकों को भारी आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा ।

संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, मुन्नालाल पटैल, आशुतोष तिवारी, बृजेश मिश्रा, एलएन दुबे, योगेन्द्र मिश्रा, सुरेन्द्र जैन, प्रशांत शुक्ला, मनीष लोहिया, मनीष शुक्ला, आनंद रैकवार, गणेश उपाध्याय, महेश कोरी, मो तारिक, धीरेन्द्र सोनी, श्यामनारायण तिवारी, नितिन शर्मा, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, विनय नामदेव, सुदेश पाण्डे, विजय कोष्टी, पवन ताम्रकार ने मुख्यमंत्री मप्र शासन से मांग की है कि प्रदेश में कार्यरत हजारों अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण किया जाये।