MP: कोरोना योद्धा के शहीद होने के बाद भी नहीं चेता स्वास्थ्य विभाग, बना हुआ है संसाधनों का अभाव

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मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि विश्वव्यापी आपदा के चलते एक कोरोना योद्धा के शहीद होने के बाद भी विभाग नहीं चेत रहा है। आज भी कोरोना योद्धा विक्टोरिया, नगर की सभी सिविल डिस्पेंसरी, शासकीय अस्पताल, फीवर क्लीनिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, टीकाकरण केन्द्र आदि में आवश्यक सुरक्षा संसाधन जैसे पीपीई किट, सैनिटाइजर, मास्क, गल्बस के बिना कार्य करने मजबूर हैं।

वहीं स्वास्थ्य विभाग के जिले के मुखिया मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोविड पॉजिटिव होने के बाद अपना इलाज निजी अस्पताल में करा रहे हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सीएचएमओ को अपनी ही शासकीय व्यवस्थाओं में भरोसा ही नहीं है, इससे आमजनों में भी शासकीय अव्यवस्थओं का गलत संदेश पहुंचा है। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्यप्रणाली से ऐसा लगता है कि और कितने कोरोना योद्धा अपनी जान गंवाने मजूबर होंगे।

संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, गोविन्द विल्थरे, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, डॉ संदीप नेमा, सुरेन्द्र जैन, प्रकाश सेन, संतोष दुबे, सुदेश श्रीवास्तव, वीरेन्द्र राजपूत, विजय गौतम, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, प्रणव साहू, राकेश दुबे, श्यामनारायण तिवारी, मनीष लोहिया, महेश कोरी, गणेश उपाध्याय, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला आदि ने मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को ई-मेल के माध्यम से पत्र भेजकर सीएचएमओ जबलपुर के निलंबन की मांग की है।