एमपी सरकार के निर्देशों की उड़ी धज्जियां: आउटसोर्स बिजली कर्मियों को तीन माह से नहीं मिला वेतन, कंपनी प्रबंधन भी मौन

मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों में आउटसोर्स बिजली कर्मियों का शोषण बदस्तूर जारी है। एक ओर जहां प्रदेश की शिवराज सरकार ने गुरुवार को ही आउटसोर्स कर्मियों को दीपावली के पहले वेतन जारी किए जाने के निर्देश दिए हैं, वहीं दूसरी ओर बिजली कंपनी में कार्यरत कुछ ऐसे भी आउटसोर्स कर्मी हैं, जिन्हें तीन माह से वेतन तक नहीं दिया गया है। वहीं बिजली कंपनी प्रबंधन भी मौन रहकर ठेकेदार का साथ देते हुए सरकार के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहा है।

जानकारी के अनुसार टीकमगढ़ के दिगोड़ा में स्थित मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अंतर्गत 132 केवी सब-स्टेशन की सुरक्षा में तैनात किए गए ईगल हंटर कंपनी के अंतर्गत कार्य करने वाले सुरक्षा कर्मियों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं दिया गया है। गौरतलब है कि दो दिन बाद ही दिवाली है, ऐसे में सुरक्षा कर्मी बिना वेतन त्योहार कैसे मनाएंगे, इसकी चिंता न तो कंपनी प्रबंधन को है और न ही शोषण करने वाली ठेका कंपनी के प्रबंधन को है।

वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टीकमगढ़ के दिगोड़ा स्थित 132 केवी सब-स्टेशन की सुरक्षा का ठेका लेने वाली कंपनी ईगल हंटर का टेंडर 13 अक्टूबर 2022 को समाप्त हो गया है, जिसके बाद सुरक्षा कर्मियों के वेतन मांगे जाने पर ठेका कंपनी प्रबंधन ने वेतन देने से साफ इंकार कर दिया है, वहीं सुरक्षा कर्मियों की सुनवाई बिजली कंपनी प्रबंधन भी नहीं कर रहा है और सभी सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से हटाकर घर बैठा दिया गया है। ऐन त्योहार के समय वेतन नहीं मिलने और नौकरी जाने से सुरक्षा कर्मियों में काफी निराशा है।

इस मामले में मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि आउटसोर्स कर्मियों के साथ लगातार नाइंसाफी होती आई है। इसलिए संघ की मांग है कि प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों से ठेका प्रथा समाप्त कर सभी आउटसोर्स कर्मियों को कंपनी में संविलियन किया जाए। उन्होंने कहा कि ठेका कंपनी को ये समझना चाहिए कि बिना वेतन कर्मी अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करेगा, खासतौर पर त्योहार के दौरान वेतन तो दिया ही जाना चाहिए। उन्होंने तत्काल सभी आउटसोर्स कर्मियों को वेतन दिए जाने की मांग की है।