मध्य प्रदेश सरकार का बजट 2023: घोषणाएं और आवंटन

वित्त मंत्री जगदीश देवडा ने आज मध्यप्रदेश विधान सभा में वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्तुत किया है। भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की बनाने हेतु राज्य द्वारा पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने हेतु कुल बजट का लगभग 20 प्रतिशत प्रावधान रखा गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत है। “आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बजट 2023-24 को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश को दृष्टिगत रखते हुए बजट में विभिन्न योजनाएं मिशन मोड में तैयार की गई है।”जनता का बजट”- बजट तैयार करने हेतु जनता के सुझाव प्राप्त कर बजट में सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है।

कुल विनियोग की राशि ₹ 3,14,024.84 करोड़, जो विगत वर्ष की तुलना में 12% अधिक है। कुल शुद्ध व्यय ₹ 2,81,553.62 करोड़ का प्रावधान, राजस्व आधिक्य ₹ 412.76 करोड़, सकल राज्य घरेलू उत्पाद से राजकोषीय घाटे का 4.02% अनुमानित। अनुमानित राजस्व प्रातियां र2,25,709.90 करोड़ है, जिसमें राज्य के स्वयं के कर की राशि ₹86.499.98 करोड़, केन्द्रीय करों में प्रदेश का हिस्सा ₹80,183.67 करोड़, करेत्तर राजस्व ₹14,913.10 करोड़ एवं केन्द्र से प्राप्त सहायता अनुदान ₹44,113.15 करोड़ शामिल, वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राज्य स्वयं के कर राजस्व में 11% की वृद्धि अनुमानित। वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-22 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राजस्व व्यय में 11% की वृद्धि अनुमानित वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में पूंजीगत परिव्यय में लगभग 15% की वृद्धि अनुमानित, वर्ष 2023-24 में पूंजीगत परिव्यय राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4% अनुमानित, वर्ष 2023-24 में राजस्व आधिक्य राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 0.03%, वर्ष 2023-24 में ब्याज भुगतान कुल राजस्व प्राप्तियों का 10%।

बजट में किसानों और कृषि के लिए 53 हजार 964 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। डिफॉल्टर किसानों का सहकारी समितियों का ब्याज राज्य शासन द्वारा भरने के लिए ढाई हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की ओर से किसानों को 6 हजार तथा राज्य शासन की ओर से 4 हजार रूपए का अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में 3 हजार 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए अलग प्रावधान किया गया है। फसल बीमा योजना के लिए 2 हजार करोड़, बिजली बिलों पर सब्सिडी के लिए 13 हजार करोड़ तथा किसानों के लिए संचालित अन्य सभी योजनाओं में पर्याप्त प्रावधान किया गया है। इससे खेती को लाभ का धंधा बनाने में मदद मिलेगी। बजट में जनजातीय कल्याण के लिए 36 हजार 950 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, जो पिछले साल से 37 प्रतिशत अधिक है। इसमें सिकल सेल मिशन के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रावधान भी किया गया है। अनुसूचित जनजाति के लिए भी 26 हजार 87 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। पिछड़ा वर्ग, घुमंतु, विमुक्त, अर्द्धघुमंतु समुदाय के लिए बजट में विशेष रूप से प्रावधान किया गया है।

बजट में मुख्यमंत्री कौशल एप्रेंटिसशिप योजना के लिए 1000 करोड़ रूपए के प्रावधान से एक लाख युवाओं को लाभ मिलेगा। रोजगार के लिए एक लाख से अधिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है। साथ ही स्व-रोजगार की मुख्यमंत्री युवा उद्यम क्रांति योजना में पर्याप्त प्रावधान किया गया है। युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए भोपाल में संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा रहा है। ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में भी बड़े स्किल सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश में मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना आरंभ की जा रही है। शासकीय शाला में 12वीं कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिका को राज्य सरकार की ओर से ई-स्कूटी प्रदान की जाएगी।

बजट की मुख्य बातें-

  • अनुसूचित जनजाति (सब-स्कीम) हेतु ₹36,950.16 करोड़।
  • अनुसूचित जाति (सब-स्कीम) हेतु ₹ 260,86.81 करोड़।
  • सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु ₹ 11406 करोड़।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु ₹ 8000 करोड़।
  • मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना हेतु ₹ 8000 करोड़।
  • जल जीवन मिशन नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वाटर मिशन हेतु ₹ 7332 करोड़।
  • 15वें वित्त आयोग के अनुसार अपेक्षित सुधार करने पर सहायता हेतु ₹ 6935 करोड़।
  • माध्यमिक शालाओं हेतु ₹ 6728 करोड़।
  • अटल कृषि ज्योति योजना हेतु ₹5520 करोड़।
  • मप्रविम द्वारा 5 एचपी के कृषि पम्पों/थ्रेशरों तथा एक बत्ती कनेक्शन को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु प्रतिपूर्ति में ₹ 4775 करोड़।
  • शासकीय हाई हायर सेकेण्डरी शालायें हेतु ₹ 4641 करोड़ 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार स्थानीय निकायों को अनुदान हेतु ₹ 4176 करोड।
  • समग्र शिक्षा अभियान हेतु ₹4039 करोड।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम/एनआरएचएम) हेतु ₹ 3996 करोड़
  • प्राथमिक शालाएं हेतु ₹ 3813 करोड।
  • प्रवेश कर से नगरीय निकायों को हस्तान्तरण हेतु ₹ 3600 करोड।
  • रवैम्प्ड डिस्ट्रीव्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) हेतु ₹ 3526 करोड़।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना हेतु ₹ 3500 करोड।
  • अटल गृह ज्योति योजना हेतु ₹ 3500 करोड़।
  • सी. एम. राइज हेतु ₹ 3230 करोड़।
  • मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना हेतु ₹ 3230 करोड़।
  • हाउसिंग फॉर आल हेतु ₹ 2800 करोड़।
  • स्थानीय निकायों को मूलभूत सेवाओं हेतु एक मुश्त अनुदान हेतु ₹ 2748 करोड़।
  • कला, विज्ञान तथा वाणिज्य महाविद्यालय हेतु ₹ 2381 करोड़।
  • माध्यमिक शालाएं हेतु ₹ 2221 करोड़।
  • बाँध तथा संलय कार्य हेतु ₹ 2221 करोड़।
  • आंगनवाड़ी सेवाएँ (सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0) हेतु ₹2191 करोड़।
  • आरक्षित निधियों और जमा लेखाओं को अन्तरण-राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) हेतु ₹2141 करोड़।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु ₹ 2001 करोड़।
  • सामाजिक सुरक्षा और कल्याण हेतु ₹ 1916 करोड़।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु ₹ 1826 करोड़।
  • नहर तथा उससे संबंधित निर्माण कार्य हेतु ₹ 1814 करोड़ चिकित्सा महाविद्यालय तथा संबद्ध चिकित्सालय हेतु ₹ 1556 करोड़।
  • सहकारी बैंकों को अंशपूंजी हेतु ₹ 1500 करोड़।
  • जिला/सिविल अस्पताल एवं औषधालय हेतु ₹ 1486 करोड़।
  • कार्यकारी योजना संगठन एवं कार्यकारी वन वृतों की स्थापना हेतु ₹ 1381 करोड़।
  • सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं का सौर उर्जीकरण हेतु ₹ 1356 करोड़।
  • विभागीय परिसंपत्तियों का संधारण हेतु ₹ 1317 करोड़।
  • स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना एवं संचालन (प्राथमिक) हेतु ₹ 1301 करोड़।
  • न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम विशेष पोषण आहार योजना हेतु ₹ 1272 करोड़।
  • निवेश प्रोत्साहन योजना हेतु ₹ 1250 करोड़।
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन हेतु ₹ 1144 करोड़।
  • आपदा प्रबंधन योजनाओं को बनाये जाने हेतु ₹ 1131 करोड़।
  • ग्रामीण सड़कों एवं अन्य जिला मार्गों का निर्माण/उन्नयन हेतु ₹ 1020 करोड़।
  • मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना हेतु ₹ 1000 करोड़।
  • सड़कों का सुदृढीकरण हेतु ₹ 1000 करोड़।
  • मुख्यमंत्री कौशल अप्रेंटिसशिप योजना हेतु ₹ 1000 करोड़।