शिक्षा विभाग में जंगलराज: 14 साल में जारी नहीं हो सका शिक्षिका के नियमितीकरण का आदेश

तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि श्रीमती अरूण जैन सहायक अध्यापक का होशंगाबाद जिले से जबलपुर जिले की प्राथमिक शाला गंजीपुरा स्थानांतरण कराया गया था। शासन द्वारा प्रदेश के सभी शिक्षा कर्मियों का अध्यापक संवर्ग में संविलियन 2007 में कर दिया गया, किन्तु श्रीमती अरूण जैन शिक्षाकर्मी वर्ग-3 का संविलियन अध्यापक संवर्ग में नहीं किया गया तथा उन्हें बिना संविलियन आदेश के ही उन्हें अध्यापक सवंर्ग के सामान सुविधायें तथा वेतन, तथा वरिष्ठ वेतनमान का लाभ जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर द्वारा दे दिया गया जो आज तक प्राप्त हो रहा है।

इसी प्रकार शासन द्वारा 1 जुलाई 2018 से प्रदेश के समी अध्यापक संवर्ग का राज्य शासन के कर्मचारियों में समायोजन करने के आदेश जारी हुए। जिसमें श्रीमती अरूण जैन सहायक अध्यापक को उक्त लाभ से वंचित कर दिया गया, वंचित करने का कारण जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने कार्यालय में मचे जंगलराज का दोषी संबंधित शिक्षिका बताया जा रहा है। शिक्षा विभाग में नियमितीकरण न होने से संबंधित को 7वें वेतनमान, समूह बीमा योजना, अन्य राज्य शासन के कर्मचारियों के समान कोई भी लाम प्राप्त हो रहा है तथा वेतन भी 5 से 7 हजार रूपये कम प्राप्त हो रहा है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मंसूर बेग ने कलेक्टर जिला जबलपुर से मांग की है जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मचे जंगल राज पर अंकुश लगाते हुए श्रीमती अरूण जैन का शिक्षा विभाग में समायोजन का आदेश जारी कराकर उनके सभी स्वत्वों का भुगतान शीध्र कराया जाए।