बारिश में अगर करंट से बचना है तो लाइनमैन खुद खरीदें बरसाती, बिजली कंपनी बाद में देगी पैसा

बरसात का मौसम शुरू होते ही बिजली तंत्र में व्यवधानों का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। ऐसे में उपभोक्ताओं की शिकायत का निराकरण हो या फाल्ट अथवा ट्रिपिंग के कारण आई कोई खराबी हो, लाइनमैन पूरी मुस्तैदी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं। बारिश के दौरान बिना सुरक्षा संसाधनों के करंट का कार्य करने में जान का जोखिम होने के बावजूद सुधार करने के लिए तैयार रहने वाले लाइनमैनों को बिजली कंपनी प्रबंधन बारिश से बचाव के लिए बरसाती तक उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है।

अक्सर देखा जाता है कि बिजली से जुड़े उपकरणों और लाइनों के आसपास बारिश के दौरान करंट फैलने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा जल भराव, फिसलन और रात में घुप्प अंधेरे जैसी विपरीत परिस्थितियों में अधिकारियों के अनुचित दबाव के साथ ही अपने कर्तव्य का निर्वाह करने वाले लाइनमैनों को अगर बारिश में करंट और भीगने से बचना है तो बरसाती खुद खरीदनी होगी।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने नियमित, संविदा कर्मी एवं आउटसोर्स कर्मियों से कहा है कि सभी तकनीकी कर्मी अपने पैसों से बरसाती खरीद लें। उन्होंने कहा कि तकनीकी कर्मचारी संघ को अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि बरसाती खरीदी का बिल कार्यालय में जमा करने पर यथासमय राशि का भुगतान कर दिया जायेगा।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि संघ के द्वारा जमीनी अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि लगातार बरसात हो रही है। कर्मचारियों के पास बरसाती नहीं है, पानी में भीग कर उपभोक्ताओं की बिजली चालू कर रहे हैं एवं मेंटेनेंस आदि का कार्य भी बखूबी जिम्मेदारी से कर रहे हैं। किंतु बारिश शुरू हो जाने के बावजूद बरसाती आज तक तकनीकी कर्मचारियों को नहीं दी गई है।

संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, जेके कोस्टा, अजय कश्यप, लखन सिंह ठाकुर, शशि उपाध्याय, विनोद दास, महेश पटेल, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, आजाद सखवार, सुरेंद्र मेश्राम, जगदीश मेहरा, टी डेविड, अमीन अंसारी, दशरथ शर्मा, मदन पटेल आदि ने सभी नियमित, संविदा कर्मचारियों से कहा है कि आप सभी लोग अपने पैसे से बरसाती खरीद कर अपने ऑफिस में रसीद जमा करके पैसे ले लें। वहीं ठेकेदार भी अपने कर्मियों को बरसाती खरीद कर दे या पैसा दे दे, जिससे वह बरसाती खरीद सकें।