एमपी की बिजली कंपनी कर रही ऊर्जा मंत्री के निर्देशों की अवहेलना, आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से निकाला

मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियां लगातार प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के निर्देशों की अनदेखी कर अवहेलना कर रही है। ऊर्जा मंत्री के निर्देशों के बाद भी ठेका कंपनियां आउटसोर्स कर्मियों को समय पर वेतन नहीं दे रहीं हैं, यहां तक की कई महीनों तक आउटसोर्स कर्मियों को बिना वेतन कार्य करना पड़ता है। इसके अलावा ऊर्जा मंत्री ने ये भी निर्देश दिए थे कि किसी कर्मी को नौकरी से न निकाला जाए, लेकिन ठेका कंपनियां बेखौफ होकर जब मर्जी हो कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहीं हैं।

इन सब के बीच सबसे ताज्जुब वाली बात ये है कि आउटसोर्स कर्मियों का शोषण रोकने और ठेकेदारों पर लगाम कसने की जिम्मेदारी जिन बिजली अधिकारियों की है, वे भी चुप्पी साधे हुए ऊर्जा मंत्री के निर्देशों की अवहेलना के सहभागी बने हुए हैं। आउटसोर्स कर्मियों का शोषण रोकने में नाकाम बिजली अधिकारियों के द्वारा ठेकेदारों पर कार्यवाही न करना एक तरह से मौन समर्थन करने जैसा है।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के टीकमगढ़ के दिगोड़ा स्थित 132 केवी सब-स्टेशन की सुरक्षा में तैनात किए गए ईगल हंटर कंपनी के अंतर्गत कार्य करने वाले सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया है और उन्हें दो माह का वेतन भी नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि निकाले गए आउटसोर्स कर्मियों के द्वारा वेतन मांगे जाने पर ईगल हंटर कंपनी प्रबंधन ने वेतन देने से साफ इनकार कर दिया है। वहीं इस बात की जानकारी बिजली कंपनी के अधिकारियों को भी है, लेकिन वे भी चुप्पी साधे हुए हैं। 

इस मामले में तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री के निर्देश हैं कि सभी बिजली कर्मियों को हर महीने वेतन दिया जाए और किसी भी कर्मचारी को नौकरी से न निकला जाए, इसके बावजूद ऊर्जा मंत्री के निर्देशों की अवहेलना करते हुए आउटसोर्स सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि टीकमगढ़ के दिगोड़ा स्थित 132 केवी सब-स्टेशन की सुरक्षा में तैनात रहे सभी आउटसोर्स सुरक्षा कर्मियों को दो माह का बकाया वेतन जल्द से जल्द दिया जाए और सभी कर्मियों को तत्काल नौकरी पर वापस लिया जाए। क्योंकि ऐसी जानकारी सामने आई है कि आउटसोर्स सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से निकाले जाने के बाद करोड़ों रुपए के सब-स्टेशन की सुरक्षा के लिए कोई भी तैनाती नहीं की गई है।

गौरतलब है कि दिवाली के पूर्व इस खबर को लोकराग न्यूज पोर्टल ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। उस समय दिगोड़ा स्थित 132 केवी सब-स्टेशन की सुरक्षा में तैनात आउटसोर्स सुरक्षा कर्मियों का तीन माह का वेतन बकाया था, लेकिन लोकराग न्यूज पोर्टल में खबर प्रकाशित होने पर ट्रांसको कंपनी प्रबंधन हरकत में आया और ठेकेदार ईगल हंटर कंपनी को नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद सुरक्षा कर्मियों का एक माह का वेतन उनके बैंक अकाउंट में जमा करवा दिया गया था और बाकी बकाया वेतन अगले माह दिए जाने की बात कही थी। लेकिन अब ईगल हंटर कंपनी प्रबंधन ने वेतन देने से साफ इनकार कर दिया है।