MPEB अभियंता संघ की मांग: रिटायर अधिकारियों को पुनर्नियुक्ति देने की बजाय युवाओं को नौकरी दे बिजली कंपनियां

मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल अभियंता संघ के महासचिव इंजी. विकास कुमार शुक्ला ने कहा है कि विगत कई वर्षों से विद्युत कम्पनियों में बढ़ती हुई अधोसंरचना एवं लगातार सेवानिवृत्ति से दिन-प्रतिदिन घटती अधिकारियों की संख्या के आधार पर ‘संगठनात्मक-संरचना’ का नए सिरे से निर्धारण करने की मांग निरंतर करता आ रहा है, किन्तु अत्यंत खेद का विषय है कि शासन, कंपनी प्रबंधन द्वारा इस संबंध मे उदासीन रवैया ही अपनाया गया।

संघ के संज्ञान में आया है कि कंपनियों के प्रबंधन द्वारा महत्वपूर्ण पदों पर ऐसे अधिकारियों की सेवा में वृद्धि की जाना प्रस्तावित है, ऐसे अधिकारी अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए वापस बैक डोर से कंपनी में आना चाहते हैं, जिसका अभि‍यंता संघ पुरजोर विरोध करता है। जहां एक ओर नित्य नई तकनीक का विस्तार कर नए स्मार्ट-मीटर, नवीन पारेषण तकनीकें एवं सुपर क्रिटिकल विद्युत घरों का निर्माण किया जा रहा है, वहीँ ऐसे में अधिकारियों की सेवाकाल में आयु विस्तार अथवा पुनर्नियुक्ति देना उचित प्रतीत नहीं होता है।

इस हेतु कंपनियों के प्रबंधन द्वारा तर्क दिया जाता है की हमारे पास अनुभवी अधिकारियों की कमी है, जोकि पूर्णता: निराधार है। चूँकि कार्यपालक नि‍देशक, मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता स्तर के पदों से अधिकारी की सेवानिवृत्ति पर उनसे कनिष्ट अधिकारियों (जो कि स्वयं 25 से 30 वर्षों से विद्युत विभाग में अपनी सेवायें निरंतर प्रदान कर रहे हैं) को पदोन्नत अथवा चालू प्रभार दिये जाने की नीति व परंपरा रही है, उन्हें प्रबंधन द्वारा अनुभवहीन बताया जाता है, यह उनकी सक्षमता एवं कार्यकुशलता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। जहां कंपनियों में नवीन नियुक्तियां ‘सहायक अभियंता’ अथवा ‘कनिष्ट अभियंता’ के पदों पर ही किए जाने का प्रावधान है, जिससे प्रदेश के नवयुवकों को रोजगार मिलेगा। वहीं इस प्रकार से इन प्रदेश की युवा शक्ति का उपयोग भी होगा। 

ऐसे समय में न सिर्फ वर्तमान में कार्य कर रहे सभी उच्चाधिकारियों की सक्षमता को कमतर आँकलन कर एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों को अवसर देना, न केवल कार्यरत अधिकारियों के साथ अन्याय होगा अपितु प्रदेश के नवयुवकों के नियुक्ति के अवसर भी समाप्त या सीमित करना भी है,

यह शासन की बहुचर्चित एवं महत्वाकांक्षी घोषणा ‘बेरोजगारों को रोजगार’ देने की मांग को भी कमजोर करता है एवं अगर सेवानिवृत्ति अधिकारियों को पुनर्नियुक्ति किया जाता है तो यह मध्य प्रदेश शासन द्वारा रोजगार देने वाली घोषणा पर एक कलंक बन जाता है।

अभियंता संघ यह मांग करता है कि इस प्रकार के अतार्किक प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए एवं कार्यरत अधिकारियों पदोन्नति अथवा चालू प्रभार प्रदान कर रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया तुरंत प्रारम्भ की जाए, ताकि शासन की बहुचर्चित एवं महत्वाकांक्षी घोषणा ‘बेरोजगारों को रोजगार’ देने की मांग को भी संबल मिलेगा एवं मध्य प्रदेश शासन द्वारा रोजगार देने वाली घोषणा पर अमली जामा पहनाया जा सकेगा ।