MPEB तकनीकी कर्मचारी संघ की दो टूक: बिना नियमित लाइनमैनों के विद्युत तंत्र संभालना मुश्किल

बारिश का मौसम शुरू होते है विद्युत व्यवधानों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। बिजली कंपनी प्रबंधन की अनदेखी, विभाग में अनुभवी लाइनमैनों की कमी और मेंटेनेंस में की जा रही लापरवाही का खामियाजा उपभोक्ताओं को पावर कट और सेवा में कमी के रूप में भुगतना पड़ रहा है। जिससे प्रदेश सरकार के 24 घंटे बिजली आपूर्ति के दावे और बिजली कंपनी के उपभोक्ता सेवा सर्वोपरि ध्येय वाक्य की धज्जियां उड़ रही हैं।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जब तक प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियों में उपभोक्ताओं की संख्या के अनुपात में नियमित तकनीकी कर्मियों की भर्ती नहीं की जाएगी, तब तक विद्युत तंत्र को सुचारु रूप से चलायमान रखना और संभालना मुश्किल ही होगा। उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति करने और उनकी शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए तत्काल नियमित लाइनमैनों की भर्ती की जाए।

उन्होंने बताया कि लाइनमैनों की कमी और मौजूदा तकनीकी कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर संघ के प्रतिनिधियों के द्वारा जबलपुर सिटी सर्किल के उत्तर शहर संभाग के कार्यपालन अभियंता आरके पटेल से चर्चा की गई।

चर्चा के दौरान कार्यपालन अभियंता ने आश्वासन दिया है कि जिन कर्मचारियों के पास सुरक्षा उपकरण नहीं होंगे, उन कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण दिए जाएंगे। जिस पोल में नंबर नहीं है, उस पोल में डलवाए जाएंगे। जिन कर्मचारियों को एक्स्ट्रा वेजेस एवं नाइट अलाउंस नहीं मिला है, उन कर्मचारियों को शीघ्र ही दिलवाया जाएगा। नियमित एवं संविदा कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मियों को पानी की बॉटल दी जावेगी एवं वर्दी खरीदने के लिए पैसे दिए जाएंगे।

कार्यपालन अभियंता को हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर संभाग में 81 हजार उपभोक्ता हैं, जिनको संभालने के लिए केवल 50 नियमित कर्मचारी बचे हुए हैं, अगर 180 नियमित कर्मचारी की भर्ती की जावे तो यह विद्युत तंत्र और भी अच्छा चल सकता है, क्योंकि अभी जो आउटसोर्स कर्मी हैं, उनको करंट का कार्य करने का अधिकार नहीं है।

इसके अलावा उत्तर संभाग में ट्रांसफार्मर की संख्या 1082 है, 33*11 केवी के सब-स्टेशन दस हैं, उनको भी प्राइवेट ठेकेदार के द्वारा संभाल रहे हैं। संभाग से 36 फीडर निकले हुए हैं। संभाग में 33 केवी की लाइन 100 किलोमीटर है, 11 केवी की लाइन 191 किलोमीटर है एवं एलटी लाइन 450 किलोमीटर है, इनके मेंटेंनेंस के लिए भी नियमित लाइनमैनों की अब आवश्यकता है।

चर्चा के दौरान हरेंद्र श्रीवास्तव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, शशि उपाध्याय आदि उपस्थित रहे। कार्यपालन अभियंता ने संघ को आश्वासन दिया कि संघ की जो भी मांगे हैं, उस पर विशेष ध्यान देकर पूरा किया जावेगा।