MPEBTKS की मांग: अनुकंपा आश्रितों, संविदा और आउटसोर्स कार्मिकों के लिए भी मंथन करे ऊर्जा विभाग

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि ऊर्जा मंत्री, ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव एवं विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती सभी विद्युत कंपनियों के प्रबंधकों के द्वारा जबलपुर के तरंग प्रेक्षागृह में 5 मई से 7 मई तक तीन दिन मंथन किया गया कि बिजली कंपनियों को किस तरह से शिखर पर ले जायें कि जिससे बिजली हानि भी कम हो और उपभोक्ताओं को अच्छी सर्विस भी मिले।

हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि बगैर मैनपावर के विद्युत मंडल की कंपनियां शिखर पर नहीं पहुंच सकती हैं। जिस तरीके से वर्ष 2000 से लगातार 22 वर्षों से कर्मचारियों की मांगों को लेकर उनके साथ लगातार अन्याय किया जा रहा है, जिस तरह से विद्युत मंडल में सेवा के दौरान कर्मचारियों की मृत्यु हो गई उसके बाद कंपनी प्रबंधन ओं के द्वारा कहा जा रहा है कि वर्ष 2012 के बाद और उसके पहले वालों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जावेगी। यह मौतों का बंटवारा किया गया है, आश्रितों के साथ अन्याय किया गया है। लगभग 2200 अनुकंपा आश्रित आज भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण नहीं किया जा रहा है। इसी प्रकार से प्रदेश की सभी कंपनियों में लगभग 30,000 आउटसोर्स कर्मचारी कार्य कर रहे हैं,  इस कर्मचारियों का लगातार शोषण किया जा रहा है। इसके अलावा तकनीकी कर्मचारियों को फ्रिंज बेनिफिट का लाभ पिछले 20 वर्षों से नहीं दिया जा रहा है। इन सभी के लिए भी मंथन करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के 52 जिलों की विद्युत व्यवस्था को चलायमान रखने के लिए नियमित कर्मचारी, संविदा कर्मचारी और आउटसोर्स कर्मचारी कंधे से कंधा मिलाकर उपभोक्ता सेवा सर्वोपरि को ध्यान में रखते हुए पूरे मध्यप्रदेश में उजाला बनाए हुए हैं। मगर दुख इस बात का है कि वर्षों से लगातार तकनीकी कर्मचारी संघ प्रयास कर रहा है मगर कंपनी प्रबंधन ओं के द्वारा किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं की जा रही है।

तकनीकी कर्मचारी संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, जेके कोस्टा, लखन सिंह राजपूत, अरुण मालवीय, टी डेविड, राजेश यादव, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, सुरेंद्र मिश्रा, आजाद सकवार, जगदीश मेहरा, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, पीएन मिश्रा आदि ने ऊर्जा मंत्री एवं कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि तकनीकी कर्मचारियों की ज्वलंत समस्याओं के लिए भी मंथन किया जावे एवं संघ को भी आमंत्रित किया जाए।