एमपी के विद्युत पेंशनर्स की निरंतर उपेक्षा से आक्रोश, मिले केंद्र की भांति सुविधाएं

मध्यप्रदेश विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की है कि वह राज्य के पेंशनर्स एवं विद्युत पेंशनर्स को जुलाई 2022 से पांच प्रतिशत मंहगाई राहत भत्ता दिलाने का आदेश तत्काल जारी कराएं। फेडरेशन ने कहा है कि प्रदेश के विद्युत पेंशनर्स की निरंतर उपेक्षा की जा रही है।

फेडरेशन ने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि विद्युत कंपनियों को बनाते समय विद्युत कर्मचारी और पेंशनर्स को आश्वस्त किया गया था राज्य शासन के अनुरूप सारी सुविधाएं दी जायेंगी और यह भी कहा था कि विद्युत कंपनियों की सेवा शर्तों में कोई परिवर्तन नहीं होगा। राज्य शासन के अनुरूप सारी सुविधाएं मिलेंगी, परंतु खेद का विषय है कि उनकी न्यायोचित मांगों का निराकरण कंपनियों द्वारा नहीं किया जा रहा है। मध्य प्रदेश विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन आपसे अपेक्षा करती है कि विद्युत पेंशनर्स की मांगों का निराकरण शीघ्र कराएं। 

विद्युत पेंशनर्स की मांग है- केंद्र के समान महंगाई भत्ता। पेंशनर्स को आयुष्मान योजना अथवा पेंशन बीमा योजना और कैशलैस हेल्थ योजनाओं से जोड़ा जावे। चिकित्सा भत्ता धारा 49 को विलोपित किया जाए। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार 79 वर्ष आयु के पेंशनर्स की पेंशन में 25 प्रतिशत की वृद्धि की जावे। माह सितंबर 2022 में पेंशन के भुगतान में जो विलंब हुआ था, उसकी पुनरावृत्ति न हो। पेंशनर्स को भी बिजली की छूट प्रदान की जाए। जुलाई 2022 से 5 प्रतिशत डीए के आदेश तत्काल जारी कराएं, जिससे विद्युत पेंशनर्स को इसका लाभ मिल सके।

फेडरेशन के अध्यक्ष इंटक नेता एसपी मिश्रा, आईके अग्रवाल, राकेश डी पी पाठक, सुनील कुरेले, आरएस परिहार, एचके डे, एके गुप्ता, विजय डोंगरे, आरके सोनी, बसंत मिश्रा, एसके पचौरी, दिनेश दुबे आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि विद्युत पेंशनर्स की मांगों पर गंभीरता से विचार कर शीघ्र निर्णय कराएं।