कंगाल हुई एमपी की बिजली कंपनियां, सेवानिवृत्त कार्मिकों को पेंशन देने के लिए भी नहीं हैं पैसे

मध्यप्रदेश की बिजली कंपनियां कंगाली की हालत में पहुंच गई है। स्थिति ये है कि कंपनी के पास सेवानिवृत्त कार्मिकों को पेंशन देने के लिए भी पैसे नहीं है। प्रदेश की बिजली कंपनियों के कार्मिकों के पेंशन फंड को संचालित करने वाली मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने एक आदेश निकाल कर पेंशनरों को सितंबर माह की पेंशन देने में असमर्थता जताते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं।

ऐन त्योहारों के दौरान पेंशन नहीं मिलने से जहां विद्युत विभाग के पेंशनरों में रोष है, वहीं दूसरी ओर इससे प्रदेश की शिवराज सरकार की भी किरकिरी हो रही है और कुछ लोग इसे प्रदेश सरकार को बदनाम करने की साजिश के तौर पर भी देख रहे हैं। वहीं जानकारों का कहना है कि यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में कार्मिकों को वेतन देने के भी लाले पड़ जाएंगे।

पावर ट्रांसमिशन कंपनी के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर की ओर से अन्य सभी बिजली कंपनियों के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर्स को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सितंबर 2022 माह की पेंशन के भुगतान के संबंध में, यह सूचित किया जाता है कि एमपीपीटीसीएल को सितंबर 2022 (अगस्त 2022 के लिए) में ट्रांसमिशन शुल्क बिलों की बढ़ी हुई राशि ₹392.99 करोड़ के मुकाबले केवल ₹35.00 करोड़ प्राप्त हुए हैं।

उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, हम टर्मिनल बेनिफिट ट्रस्ट को तब तक पेंशन का भुगतान करने में असमर्थ हैं, जब तक कि कंपनी को डिस्कॉम से पर्याप्त धन प्राप्त नहीं हो जाता।

विद्युत पेंशनरों का कहना है कि ट्रांसमिशन कंपनी के ट्रांसमिशन चार्ज मद में ₹392.99 करोड़ की डिमांड में से मात्र ₹35 करोड़ का ही भुगतान डिस्कॉम कंपनियों द्वारा किया गया है, अतः पेंशन निधि का भुगतान नहीं किया जा सकता है।

बिजली कंपनियों के प्रबंधन की वित्तीय लापरवाही एवं अनियमितता के कारण समस्त विद्युत पेंशनर्स को माह सितंबर 2022 की पेंशन के भुगतान पर संकट खड़ा हो गया है एवं नवरात्रि दशहरा एवं दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान समय पर पेंशन नहीं मिलने की आशंका से समस्त पेंशनर्स परेशान और आक्रोशित हैं।