एमपी के शिक्षा विभाग में लाखों का घोटाला, स्कूली छात्रों को बांटें गए गुणवत्ताहीन टैबलेट

मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में छात्रों के लिए टैबलेट खरीदी में भारी घोटाला हुआ है, लगभग 171 स्कूलों के छात्रों को गुणवत्ताहीन टेबलेट बांटें गए हैं। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत जबलपुर जिले के समस्त विकास खण्डों के 171 हाईस्कूल एवं हा.से. स्कूलों में 497 टैबलेट खरीदने के लिए राशि शासन से प्राप्त हुई थी, उक्त राशि से डीईओ द्वारा टैबलेट क्रय कर चयनित स्कूलों में वितरित किये जाने का प्रावधान है।

प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर के द्वारा मानक स्तर की कंपनियों के गुणवत्तायुक्त टैबलेट को दरकिनार करते हुए अतिसामान्य दर्जे की कंपनी से गुणवत्ताहीन टैबलेट क्रय कर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है। उक्त क्रय किये गये टैबलेट अतिसामान्य स्तर के हैं, जिससे इस आधुनिक युग में विद्यालय में शिक्षक एवं छात्रों का शैक्षणिक और बौद्विक विकास होना संभव नहीं है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, बृजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डे, विपिन शर्मा, चन्दु जाउलकर, शंकर पारिख, सतीश देशमुख, तुषेन्द्र सिंह, शैलेन्द्र दुबे, रफीक, वीरेन्द्र चन्देल, एसपी वाथरे, चूरमन गुर्जर, सीएन शुक्ला, रवि मैलोनिया आदि ने कलेक्टर जबलपुर से मांग की है कि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर द्वारा टैबलेट खरीदी में किये गये भारी भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय, सूक्षम, गहन जांच कराई जावे।