बिना सुरक्षा उपकरण लाइन कर्मियों से नियम विरूद्ध करंट का कार्य करा रही एमपी की विद्युत वितरण कंपनियां

बारिश का मौसम आते ही बिजली सप्लाई भी बाधित होने लगती है और विद्युत व्यवधानों में बढ़ोतरी हो जाती है। वर्तमान में मध्य प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में नियमित लाइन कर्मियों की बेहद कमी है, जिसके कारण न केवल नियमित अपितु संविदा और आउटसोर्स कर्मियों पर भी विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए कंपनी प्रबंधन से लेकर जमीनी अधिकारियों का खासा दबाव रहता है।

ये तो सर्वविदित है कि संविदा और आउटसोर्स विद्युत कर्मियों से पोल पर चढ़ाकर करंट का कार्य कराना नियम विरुद्ध है। लेकिन नियमित लाइनमैनों की बेतहाशा कमी के कारण ज़मीनी अधिकारी संविदा और आउटसोर्स कर्मियों को पोल पर चढ़ाकर नियम विरूद्ध करंट का कार्य करा रहे हैं।

इस पर भी सबसे बड़ी विडंबना है कि नियम विरूद्ध कार्य कराने के बाद भी उन्हें जरूरी सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं, जिससे वे दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव के द्वारा बताया गया है कि वितरण कंपनियों के ज़मीनी अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि उपभोक्ता तक गुणवत्तापूर्ण बिजली सप्लाई के लिए मेंटेनेंस करना, विद्युत व्यवधानों का सुधार करना आदि कार्यों के सुरक्षित निष्पादन हेतु लाइनमैन को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि ज़मीनी स्तर पर स्थिति बहुत ही उलट है और लाइन कर्मियों के पास सुरक्षा उपकरणों का बेहद अभाव है।

उन्होंने बताया कि संघ के द्वारा पत्र लिखकर कंपनी प्रबंधनों को अवगत कराया है कि शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति बहुत ज्यादा खराब है। लाइन कर्मियों के पास हैंड ग्लब्स, फ्लास्क, बांस की सीढ़ी, टॉर्च, टेस्टर, एंकर सूट, बरसाती आदि नहीं होने से कभी भी करंट लगने की घटना घटित हो सकती है।

हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि लाइन कर्मियों से सुरक्षा उपकरण के बिना जान जोखिम में डालकर करंट का कार्य करवाया जा रहा है। वहीं घटना होने पर जमीनी अधिकारी कर्मचारियों की गलती निकाल कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।

संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, जेके कोष्टा, शशि उपाध्याय, अमीन अंसारी, राजेश यादव, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, संजय वर्मा, महेंद्र पटेल, दशरथ शर्मा, महेश पटेल, मदन पटेल आदि के द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों के प्रबंधन से मांग की गई है कि विद्युत तंत्र को चलायमान रखने वाले लाइन कर्मियों को तत्काल सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराकर उनकी जान बचाएं।