तुम
मेरे जीवन के
माइटोकॉन्ड्रिया हो,
मेरी असीम ऊर्जा के
जीवंत स्रोत,
और
ऑक्सीजन है
तुम्हारा प्रेम
मेरी साँसों के लिए,
क्लोरोप्लास्ट की तरह है
तुम्हारा आना
मेरे नीरव जीवन में
जिसने
पतझड़ हटाकर
हरा-भरा कर दिया है
मन के बगीचे को,
मेरे समुचित विकास के लिए
अब तुम्हीं जरूरी
मिनरल हो
विटामिन भी हो तुम,
मेरी शिरा-धमनियों में
अब ब्लड पार्टिकल की तरह
बहता है तुम्हारा प्रेम
और
हृदय की पल्स रेट
तुम्हारे होने पर
निर्भर है अब,
मेरे उदास मन को
त्वरित आनंद देता है
ग्लूकोज जैसा
तुम्हारा चेहरा
जिसे देखते ही
सारी उदासियाँ
हवा हो जाती हैं,
जैसे पेरासिटामोल से
उड़ जाता है फीवर
तुम ही मेडिसिन हो
मेरे हर मर्ज की,
मेरे थकान और निराशा का
टॉनिक हो तुम
हाँ
तुम्हीं हो
मेरी खुशियों की
डेली डोज
-अंकिता कुलश्रेष्ठ