अगर आप भी अनजान नंबरों से आने वाले फ्रॉड कॉल्स से परेशान हैं, तो अब राहत मिलने वाली है। सरकार जल्द ही एक नई सुविधा “कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन” (CNAP) शुरू करने जा रही है, जिसके तहत जब भी कोई कॉल करेगा, आपकी मोबाइल स्क्रीन पर उसका असली नाम दिखाई देगा — वही नाम जो उसने सिम कार्ड खरीदते समय अपनी ID (जैसे आधार कार्ड) में दिया था।
📱 CNAP क्या है और कैसे काम करेगा- TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) और DoT (डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम) इस सर्विस को लागू करने पर सहमत हो गए हैं। यह सिस्टम मोबाइल नेटवर्क कंपनियों — जैसे Jio, Airtel, Vi — के आधिकारिक डेटाबेस से जानकारी लेगा। यानी, अब कॉलर का ऑफिशियल नाम स्क्रीन पर दिखेगा, जिससे ठगों की पहचान करना आसान होगा।
Truecaller यूज़र्स द्वारा दिए गए नामों पर आधारित होता है, जैसे कोई आपको अपने फोन में “Raju Plumber” या “SBI Bank” के नाम से सेव कर दे तो वही दिखता है। वहीं CNAP में दिखने वाला नाम पूरी तरह सरकारी रिकॉर्ड से लिया जाएगा, जिससे यह सटीक और विश्वसनीय होगा।
डिजिटल फ्रॉड और साइबर क्राइम के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है — जैसे डिजिटल अरेस्ट, फाइनेंशियल फ्रॉड, या पार्सल स्कैम्स। CNAP के जरिए जब कॉलर की असली पहचान सामने होगी, तो धोखेबाज़ों के लिए खुद को पुलिस या बैंक अधिकारी बताकर ठगी करना मुश्किल हो जाएगा।
DoT के नियम तय होते ही सरकार एक अंतिम तारीख घोषित करेगी। उम्मीद है कि नियम लागू होने के 6 महीने के भीतर भारत में बिकने वाले सभी नए स्मार्टफोन्स में यह फीचर अनिवार्य रूप से जोड़ा जाएगा।










