मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जबलपुर सिटी सर्किल के अधीक्षण अभियंता के क्षेत्रांतर्गत विजयनगर कार्यपालन अभियंता कार्यालय के जूनियर इंजीनियर के आदेश पर सुधार कार्य के दौरान एक आउटसोर्स कर्मी करंट लगने से बुरी तरह झुलस गया। इस मामले में सबसे बड़ा पहलू यह है कि ट्रांसफार्मर से बिजली सप्लाई बंद होने की सूचना देने और सुधार कार्य का आदेश देने वाला जूनियर इंजीनियर मौके से गायब रहा।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जूनियर इंजीनियर के द्वारा फ्यूज ऑफ कॉल में पदस्थ आउटसोर्स कर्मी मिनेंद्र पंच तिलक उम्र 26 वर्ष को शनिवार 12 अप्रैल 2025 की रात को ट्रांसफार्मर से बिजली सप्लाई बंद होने की जानकारी देते हुए सुधार कार्य के लिए आदेशित किया।
जूनियर इंजीनियर के आदेश के बाद आउटसोर्स कर्मी मिनेंद्र पंच तिलक अपने साथियों के साथ मौके पर पहुँचा तो देखा कि विद्युत पोल में लगे पोल बॉक्स में स्पार्क हो रहा था। इसके सुधार के लिए आउटसोर्स कर्मी ने पोल के नीचे लगे डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स में लगे अल्युमिनियम एवं कॉपर के फ्यूज वायर काटकर सप्लाई बंद कर दी और टावर गाड़ी के ऊपर चढ़कर पोल बॉक्स में हो रहे स्पार्क का सुधार कार्य पूरा कर नीचे उतर कर डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स में सर्किट फ्यूज लगा रहा था, उसी समय शॉर्ट सर्किट होने से आउटसोर्स कर्मी मिनेंद्र पंच तिलक का चेहरा एवं दाहिना हाथ बुरी तरह झुलस गया। मौके पर मौजूद साथियों के द्वारा घायल आउटसोर्स कर्मी को तत्काल निजी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसे आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रांसफार्मर से बिजली सप्लाई बंद होने की जानकारी मिलने पर इसके सुधार कार्य के लिए जूनियर इंजीनियर को मौके पर मौजूद रहना चाहिए। लेकिन जूनियर इंजीनियर मौके पर मौजूद न होकर एसी कक्ष में बैठकर कर्मचारी को आदेशित करता रहा। हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उक्त कार्य एचटी लाइन से संबंधित था और एचटी लाइन में कार्य के दौरान मैदानी अधिकारी का मौके पर मौजूद रहना नियमानुसार आवश्यक है।
संघ के शशि उपाध्याय, दशरथ शर्मा, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, विनोद दास, इंद्रपाल सिंह, आजाद सकवार, संदीप दीपंकर, किशोर भोंडेकर, पीएन मिश्रा, प्रदीप पांडे, अमीन अंसारी, राजेश झरिया आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से इलाज के लिए तत्काल ₹10000 सहायता राशि एवं ठेकेदार रक्षक प्राइवेट कंपनी से इलाज कराने के लिए सहायता राशि देने की मांग की है।