समर्थन मूल्य पर गेहूँ या अन्य फसलों का उपार्जन अब उन्हीं किसानों से होगा जिनकी फार्मर रजिस्ट्री हो चुकी है अथवा जिन्हें फार्मर आईडी प्राप्त हो गई है। यही नहीं आने वाले समय में किसानों को प्रधानमंत्री किसान निधि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण जैसी शासन की योजनाओं का लाभ भी फार्मर आईडी या फार्मर रजिस्ट्री के आधार पर ही मिलेगा।
जबलपुर जिले में अभी तक 1 लाख 65 हजार 270 किसानों में से 47 हजार 341 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री का कार्य पूरा हो चुका है।
जबलपुर कलेक्टर कार्यालय की भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के किसानों के लिये राज्य शासन ने महत्वपूर्ण पहल के रूप में फार्मर रजिस्ट्री की शुरुआत की है। इसके तहत प्रत्येक किसान को एक यूनिक आईडी (फार्मर आईडी) प्रदान की जायेगी।
फार्मर आईडी से किसानों की पहचान सुनिश्चित होगी, किसानों का डेटा बेस तैयार होगा, कृषि सबंधी नीतियों के क्रियान्वन में मदद मिलेगी तथा किसानों को पीएम किसान एवं अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी।
अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि किसान घर बैठे मोबाइल एप के माध्यम से फार्मर रजिस्ट्री करा सकेंगे। इसके लिये उन्हें प्ले स्टोर पर जाकर फार्मर सहायक एप डाउनलोड करना होगा तथा आधार वेरीफिकेशन और मोबाइल नम्बर वेरिफिकेशन के बाद किसान को स्वयं की, कृषि भूमि की और समग्र आईडी की जानकारी इसमें दर्ज करनी होगी।
मोबाइल एप के अलावा किसान पटवारी अथवा उनके गांव में नियुक्त सर्वेयर सहायक से भी फार्मर रजिस्ट्री करा सकेंगे। एमपी ऑनलाइन कियॉस्क और कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी निर्धारित शुल्क चुकाकर किसान फार्मर रजिस्ट्री करा सकेंगे।
जिला प्रशासन ने जिले के सभी किसानों से फार्मर रजिस्ट्री शीघ्र कराने का आग्रह किया है, ताकि भविष्य में उन्हें उपार्जन अथवा शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।