अब नये चार पहिया व दो पहिया वाहन खरीदने वालों को एक नहीं तीन या पाँच साल के लिए वाहन बीमा कराना होगा। इसके चलते वाहन खरीदते समय वाहन की कीमत भी बढ़ जाएगी। आज एक सितंबर से नये चार पहिया वाहनों के लिए एक साथ तीन साल और दो पहिया वाहनों को एक साथ पांच साल के लिए थर्ड पार्टी बीमा कराना अनिवार्य होगा।
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) नेइसे लांग टर्म मोटर थर्ड पार्टी प्रीमियम नाम दिया गया है। इसके बिना कोई भी ग्राहक नये वाहन नहीं खरीद पायेंगे। इरडा ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिये हैं, आदेश में कहा है कि पॉलिसी होल्डर्स को लांग टर्म थर्ड पार्टी बीमा दें। वाहन मालिक को 1,000 सीसी तक के लिए थर्ड पार्टी प्रीमियम के रूप में ग्राहकों को 5,286 रुपये, 1,000 सीसी से अधिक और 1,500 सीसी तक के कार के लिए 9,534 रुपये ओर 1,500 सीसी से अधिक के कार के लिए 24,305 रुपये प्रीमियम के रूप में चुकाना होगा। यह बीमा तीन साल के लिए होगा। वहीं दो पहिया वाहनों में 75 सीसी तक के लिए 1,045 रुपये, 75 सीसी से अधिक और 150 सीसी तक के लिए 3,285 रुपये, 150 सीसी से अधिक और 350 सीसी तक के लिए 5,453 रुपये और 350 सीसी से अधिक के दो पहिया वाहनों के लिए 13,034 रुपये प्रीमियम देना होगा, ये प्रीमियम पांच साल के लिए होगा। यह प्रीमियम केवल थर्ड पार्टी प्रीमियम है। इसके अलावा ऑन डैमेज या चोरी आदि से कवर के लिए अलग से प्रीमियम चुकाना होगा।
पूर्व न्यायाधीश जस्टिस केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश की सड़कों पर चल रहे 18 करोड़ वाहनों में केवल छह करोड़ के पास ही थर्ड पार्टी बीमा है। सड़क हादसों के पीड़ितों या मृतकों को मुआवजा नहीं मिल रहा है, क्योंकि वाहनों का थर्ड पार्टी कवर नहीं है। एक साल में बीमा करा कर अगले साल बीमा नहीं कराने वालों की संख्या 66 प्रतिशत से अधिक है। कहा जा रहा है कि वाहन मालिक एवं बीमा कंपनी के अलावा दुर्घटना में तीसरा पक्ष भी शामिल होता है, इस बीमा का मकसद उसके लिए उचित मुआवजे का प्रावधान करना है। थर्ड पार्टी बीमा का प्रावधान वाहन कानून के तहत किया गया है।