हाईस्कूल के छात्रों ने बनाया सैटेलाइट, इसरो ने किया अंतरिक्ष में स्थापित

आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने पीएसएलवी-सी44 का अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर दिया है। 24 जनवरी की रात 11:37 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन लॉन्च पैड से सैटेलाइट लॉन्चिंग व्हीकल ने अपने साथ कलामसैट-वी2 और माइक्रोसेट-आर उपग्रह को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है।
बताया जा रहा है कि कलामसैट-वी2 का निर्माण हाईस्कूल के छात्रों ने किया है। जिसका नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है, जो एक फेमटो सैटेलाइट है। इसे दुनिया का सबसे हल्का उपग्रह बताया जा रहा है। छात्रों द्वारा विकसित कलामसैट पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम है। इसके अलावा दूसरा उपग्रह माइक्रोसैट-आर एक इमेजिंग उपग्रह है जिसे इसरो और डीआरडीओ के द्वारा अपने ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा यह इसरो के पीएसएलवी व्‍हीकल की 46वीं उड़ान है। अप्रैल तक इसी प्रकार के 4 अन्य सैटेलाइट प्रक्षेपण होंगे।

इसरो की इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए कहा है कि हम अपने वैज्ञानिकों को एक और पीएसएलवी के सफल लांच के लिए बधाई देते हैं। इस प्रक्षेपण से कलामसैट उपग्रह को कक्षा में स्‍थापित किया जाएगा, जिसे देश के प्रतिभाशाली छात्रों ने बनाया है। इसके साथ ही भारत विश्‍व का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने रॉकेट के चौथे स्‍टेज का अंतरिक्ष अभियान में सफलतापूर्वक इस्‍तेमाल किया है।