केंद्र सरकार ने जारी किये फैमिली पेंशन के नए नियम, यहां पढिय़े क्या है नया

केंद्र सरकार ने फैमिली पेंशन को लेकर नया नियम जारी किया है। इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह कहा कि मृत सरकारी कर्मचारियों को बच्चे जो दिमागी रूप से सशक्त हैं, उन्हें भी फैमिली पेंशन का लाभ दिया जाएगा।  केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो बच्चे मानसिक विकार से ग्रस्त हैं, वे फैमिली पेंशन के हकदार हैं और उन्हें इसका लाभ जरूर दिया जाएगा। ऐसा देखा जाता है कि मानसिक विकार से पीड़ित बच्चों को फैमिली पेंशन का लाभ नहीं मिलने से उनकी परेशानी और बढ़ जाती है, क्योंकि वे अपना भरण-पोषण करने में सक्षम नहीं होते। ऐसे बच्चों को बड़ा होने के बाद भी दूसरे पर निर्भर रहना पड़ता है।

फैमिली पेंशन के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशन और पेंशनर कल्याण विभाग को लोगों से बातचीत में पता चला है कि बैंक इस तरह के बच्चों को फैमिली पेंशन का लाभ नहीं दे रहे. इस तरह के मानसिक विकार वाले बच्चों को बैंक पेंशन देने से मना कर रहे हैं. बैंक इन बच्चों से कोर्ट से जारी  गार्जियनशिप सर्टिफिकेट मांग रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ऐसी स्थिति में लोगों की मदद के लिए फैमिली पेंशन में नॉमिनेशन के प्रावधान को जरूरी बनाया जा रहा है ताकि कर्मचारियों के बच्चों को बिना रुकावट पेंशन मिल सके। यहां तक कि मानसिक विकार से जूझते बच्चों को कोर्ट से आसानी से गार्जियनशिप सर्टिफिकेट मिल सके, इसे भी आसान बनाया गया है। मृत सरकारी कर्मचारी के बच्चों को कोर्ट से सर्टिफिकेट देना होता है जिसके आधार पर फैमिली पेंशन दी जाती है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि बैंक ऐसे बच्चों से गार्जियनशिप सर्टिफिकेट के लिए अड़ नहीं सकते और इस आधार पर पेंशन देने से मना नहीं कर सकते कि पहले कोर्ट से सर्टिफिकेट लेकर आओ।

वहीं अगर बैंक मानसिक विकार से ग्रस्त बच्चों से कोर्ट से जारी गार्जियनशिप सर्टिफिकेट के बिना फैमिली पेंशन देने से मना कर देते हैं तो इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता। बैंक अगर ऐसा करते हैं तो यह सेंट्रल सिविल सर्विस (पेंशन) रूल्स, 2021 के वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन होगा। अगर कोई मानसिक विकार से पीड़ित बच्चा अपने माता-पिता के पेंशन प्लान में नॉमिनी नहीं और उससे कोर्ट का सर्टिफिकेट मांगा जाए तो यह पेंशन के मकसद के खिलाफ होगा। पेंशन विभाग को ऐसी कई शिकायतें मिली हैं कि बैंक कोर्ट के सर्टिफिकेट के बिना असक्त बच्चों को पेंशन नहीं दे रहे। इसे देखते हुए सरकार ने पेंशन के लिए नॉमिनी बनाने के नियम पर जोर दिया है।

केंद्र सरकार ने ऐसे बच्चों को पेंशन दिए जाने के लिए सभी पेंशन बांटने वाले बैंक के प्रबंध निदेशकों को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं। सरकार ने निदेशकों से कहा है कि वे अपने सेंट्रलाइज्ड पेंशन प्रोसेसिंग सेंटर, पेंशन पेइंग ब्रांच को निर्देश दें कि दिमागी रूप से सशक्त बच्चों को फैमिली पेंशन का लाभ दिया जाए। यह पेंशन उन बच्चों को नॉमिनी के जरिये दी जाएगी। सरकारी कर्मचारी, पेंशनर या फैमिली पेंशनर ने जिसे नॉमिनी बनाया है, वे इसका लाभ मानसिक विकास से ग्रस्त बच्चों को भी देंगे। यह वैधानिक प्रावधान है जिसे कोई संस्था नकार नहीं सकती। ऐसे बच्चों के लिए बैंक कोर्ट के गार्जियनशिप सर्टिफिकेट की मांग नहीं कर सकते।