विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खुले केदारनाथ धाम के कपाट

उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के कपाट आज 25 अप्रैल को पूरे विधि-विधान से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। जैसे ही केदारनाथ धाम के कपाट खुले हर हर महादेव के जयकारे के साथ पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। मंदिर को 20 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी जगद्गुरु रावल भीम शंकर लिंग शिवाचार्य ने बताया कि सुबह लगभग 6:20 बजे केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के खोल गए। मंदिर के कपाट खोलने के बाद बाबा की पूरी भक्तिभाव से पहली पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान ढोल-नगाड़ों के धुन पर भक्त भगवान शिव की भक्ति में रमे नजर आए। खराब मौसम के बावजूद भी भारी संख्या श्रद्धालु मौजुद रहे।

गौरतलब है कि अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट शुभ मुहूर्त में श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। इसी के साथ उत्तराखंड में इस साल चार धाम यात्रा का शुभारंभ हो गया। वहीं केदारनाथ धाम के कपाट आज 25 अप्रैल को खोले गए, जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाएंगे।

उत्तराखंड की धामी सरकार चार धाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इसके चलते श्रद्धालुओं के लिए हर एक किलोमीटर पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाई गई है। चार धाम यात्रा मार्ग में 130 डॉक्टरों की तैनाती की गई है। इसमें डॉक्टर ,पैरामेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाएं उपलब्ध होंगी। इस बार यहां पर प्वाइंट आफ केयर टेस्टिंग डिवाइस भी होगा। इस डिवाइस से 28 तरह के रोगों की टेस्टिंग हो सकेगी।

साथ ही यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम किए गए हैं। चार धाम यात्रा मार्गों पर मौजूद अस्पतालों में डॉक्टर, स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की व्यवस्था तो की ही गयी है। इसके अलावा मार्ग पर स्वास्थ्य एटीएम भी लगाए गये हैं। इस बार किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

सरकार ने चार धाम यात्रा के लिए गाइडलाइन जारी कर यात्रियों को सुझाव दिया है कि वह यात्रा के दौरान अपने शरीर को पहाड़ के मौसम के अनुकूल बना लें। यदि कठिनाई आ रही है तो कुछ समय आराम करें और इसके बाद ही यात्रा करें। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि सरकार यात्रा में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करती है। लेकिन साथ ही यह अपील भी है कि 55 साल से अधिक आयु वर्ग के श्रद्धालु यदि किसी बीमारी मसलन शुगर, बीपी, हृदयरोग आदि से ग्रसित हैं तो उसका उल्लेख कर दें। ऐसे श्रद्धालुओं की निगरानी की जाएगी।