भारत सरकार ने भारतीय चिकित्सा प्रणालियों के तहत उपचार चाहने वाले विदेशी नागरिकों के लिए बनाई आयुष वीजा की एक नई श्रेणी

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने उपचार की भारतीय चिकित्सा प्रणालियों के तहत उपचार के उद्देश्य से विदेशी नागरिकों के लिए आयुष (AY) वीजा की नई श्रेणी बनाए जाने को अधिसूचित किया है। आयुष वीज़ा की शुरुआत आयुष प्रणालियों एवं चिकित्सीय देखभाल, कल्याण और योग जैसी चिकित्सा की भारतीय प्रणालियों के तहत इलाज के उद्देश्य से भारत आने वाले विदेशियों के लिए एक विशेष वीज़ा योजना शुरू करने के प्रस्ताव को पूरा करती है। इसके तहत चैप्टर 11- मेडिकल वीजा ऑफ द वीजा मैनुअल के बाद एक नया चैप्टर यानी चैप्टर 11ए- आयुष वीजा शामिल किया गया है, जो भारतीय चिकित्सा प्रणालियों के तहत उपचार से संबंधित है और तदनुसार वीज़ा मैनुअल, 2019 के विभिन्न चैप्टर में आवश्यक संशोधन किए गए हैं।

केंद्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “आयुष प्रणालियों और भारतीय चिकित्सा प्रणालियों के तहत इलाज चाहने वाले विदेशी नागरिकों के लिए आयुष (AY) वीजा की नई श्रेणी का बनना एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे भारत में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा मिलेगा। इस पहल से हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारतीय पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक स्तर पर ले जाने के विजन को पूरा करने के हमारे प्रयास को मजबूती मिलेगी। मैं एक विशेष आयुष वीजा श्रेणी बनाने के प्रयासों के लिए भारत सरकार के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी बधाई देना चाहता हूं।”

यहां इस बात का उल्लेख करना उचित है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अप्रैल 2022 में गांधीनगर, गुजरात में वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन (GAIIS) में आयुष चिकित्सा की तलाश में रहने वाले विदेशी नागरिकों को भारत की यात्रा सुविधाजनक बनाने के लिए एक विशेष आयुष वीजा श्रेणी बनाने की घोषणा की थी। आयुष वीजा श्रेणी का परिचय सरकार की हील इन इंडिया पहल के लिए भारत के रोडमैप का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत को एक चिकित्सा के लिहाज से आकर्षक यात्रा गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है। आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत को दुनिया के मेडिकल पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने के लिए वन स्टॉप हील इन इंडिया पोर्टल विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

हाल के वर्षों में भारत में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल में खासी बढ़ोतरी देखने को मिली है। ग्लोबल वेलनेस इंस्टीट्यूट (GWI) ‘द ग्लोबल वेलनेस इकोनॉमीः लुकिंग बियॉन्ड कोविड’ रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल वेलनेस यानी वैश्विक कल्याण से संबंधित अर्थव्यवस्था सालाना 9.9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। आयुष आधारित स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण अर्थव्यवस्था के वर्ष 2025 तक बढ़कर 70 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर उपचार की आयुष प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए कई मोर्चों पर काम कर रहा है। हाल ही में, आयुर्वेद और चिकित्सा की अन्य पारंपरिक प्रणालियों में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मिलकर काम करने के लिए भारत पर्यटन विकास निगम (ITDC), पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।