भारतीय रेलवे और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के बीच हुआ एक समझौता

भारतीय रेलवे 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन की उपलब्धि के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। रेलवे ने इसके लिए बहुआयामी रणनीति बनाई है। कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए भारतीय रेलवे कई उपाय कर रही है। इसके अनुरूप नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता पर सहयोग के लिए भारतीय रेलवे, भारत सरकार और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट/इंडिया (यूएसएआईडी/इंडिया) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

एमओयू पर नवीन गुलाटी, सदस्य, (ट्रैक्शन रोलिंग स्टॉक) रेलवे बोर्ड, भारतीय रेलवे और सुश्री इसबेल कोलमैन, उप प्रशासक, यूएसएआईडी ने अनिल कुमार लाहोटी, अध्यक्ष एवं सीईओ, रेलवे बोर्ड की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। यूएसएआईडी, अमेरिकी सरकार की एक एजेंसी है जो अंतरराष्ट्रीय विकास का समर्थन करती है और आर्थिक विकास, कृषि और व्यापार, स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन, वैश्विक स्वास्थ्य, लोकतंत्र और संघर्ष शमन और प्रबंधन और मानवीय सहायता को समर्थन देकर अपने मिशन के उद्देश्यों को आगे बढ़ाती है।

एमओयू के माध्यम से भारतीय रेलवे को तकनीकी सहायता एवं समर्थन प्रदान किया  जाएगा। एमओयू में मुख्य रुप से निम्नलिखित क्षेत्रों को शामिल किया गया है लेकिन, यह इन्हीं तक सीमित नहीं है-

  • भारतीय रेलवे के लिए स्वच्छ ऊर्जा सहित दीर्घकालिक ऊर्जा योजना।
  • भारतीय रेलवे के भवनों के लिए एक दक्ष ऊर्जा नीति और कार्य योजना का विकास। 
  • भारतीय रेलवे के नेट शून्य दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा  की खरीद योजना।
  • नियामक और कार्यान्वयन बाधाओं को दूर करने के लिए तकनीकी सहायता
  • व्यवस्था अनुकूल, बड़े पैमाने पर नवीकरणीय खरीद के लिए समर्थन हेतु बोली लगाने की प्रक्रिया की योजना और प्रबंधन। 
  • ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने में भारतीय रेलवे का समर्थन करना।
  • क्षेत्रीय दौरों और अध्यन दौरों (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सहित) चिन्हित क्षेत्रों में संयुक्त रूप से कार्यक्रमों, सम्मेलनों और दक्षता उन्नयन कार्यक्रमों की मेजबानी करना।

यूएसएआईडी, भारत के साथ भारतीय रेलवे का यह सहयोग भारतीय रेलवे को 2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने में काफी मदद करेगा।