आदर्श आचार संहिता के नाम पर लोगों के कामों को अनावश्यक रूप से लंबित न रखें अधिकारी: सीएम चौहान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 23 मार्च 2020 को चौथी बार मुख्यमंत्री का पदभार संभालते वक्त प्रदेश में चुनौतीपूर्ण स्थितियाँ विद्यमान थीं। कोरोना संकट के साथ-साथ विषम आर्थिक परिस्थितियों के कारण हताशा, निराशा और अनिश्चितता का वातावरण था। मंत्रि-परिषद तथा अधिकारियों के सहयोग, कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छा-शक्ति व टीम भावना के परिणाम स्वरूप हमने परिस्थितियों पर नियंत्रण पाया और हमारा प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी और कोरोना दोनों से मुक्त हुआ।

उन्होंने कहा कि यह गर्व और प्रसन्नता का विषय है कि विपरीत परिस्थितियों को भी वरदान में बदलने, विकास-जनकल्याण और सुराज की नई ऊंचाईयां छूने, नए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में पिछले साढ़े 3 साल में हमारी टीम ने असंभव को संभव कर दिखाया। इस उपलब्धि के लिए मंत्रि-परिषद तथा अधिकारी धन्यवाद और बधाई के पात्र हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन साल 9 माह की अवधि में मंत्रि-परिषद के सदस्यों और अधिकारियों ने जन-कल्याण में एक टीम के रूप में स्वयं को समर्पित किया। आगामी समय आदर्श आचार संहिता का है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जो रूटीन के काम हैं या जो निर्णय हो चुके हैं, उनके क्रियान्वयन में आचार संहिता आड़े नहीं आए, वे सभी कार्य निर्बाध रूप से जारी रहें। यह सुनिश्चित करना होगा कि सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी और हितग्राहीमूलक योजनाओं में जन-सामान्य सहायता से वंचित न रहे और आदर्श आचार संहिता के नाम पर लोगों के कामों को अनावश्यक रूप से लंबित रखने की स्थिति निर्मित न हो।

सीएम चौहान ने कहा कि कोरोना काल में दिन-रात अथक परिश्रम से परिस्थितियों पर नियंत्रण पाया गया। लगभग 500 दिनों में 374 से अधिक बैठकें कर जिलों की वास्तविक परिस्थितियों से रू-ब-रू होना, तत्काल कोविड केयर सेंटर आरंभ करना, ऑक्सीजन की व्यवस्था करना और जन-सामान्य में सकारात्मक और संघर्ष का भाव बनाए रखना चुनौतीपूर्ण था। कोरोना काल में प्रदेश में जन-भागीदारी से बनाई गई संरचनाओं ने देश में नजीर प्रस्तुत की। कारम डेम का संकट हो या अन्य कोई आपदा, हमारी टीम हर कसौटी पर खरी उतरी। प्रात: 6 बजे की बैठकें हों या अवकाश के दिनों में जिम्मेदारी संभालने का मौका हो, हमारे अधिकारी कभी भी काम से पीछे नहीं हटे। सब ने सामन्जस्य और तड़प के साथ काम किया और बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान निकाला। इस उपलब्धि के लिए मुख्य सचिव सहित अधिकारियों की पूरी टीम बधाई की पात्र है। हमने जो भी कार्य किए, जन-कल्याण का भाव हमारी हर गतिविधि के मूल में रहा। कम समय में लाड़ली बहना योजना का क्रियान्वयन हमारे तंत्र की सामर्थ्य और सक्षमता का सशक्त उदाहरण है। हमारी वर्तमान सरकार ने पौने चार साल में इतनी उपलब्धियां अर्जित की हैं कि उनके स्मरण मात्र से मन गर्व से भर जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के वित्तीय प्रबंधन की कुशलता सभी के सामने है। यह वह समय था जब हमें बीमारी के संकट से उबरने के लिए और विकास कार्यों तथा जन-कल्याण की योजनाओं को जारी रखने के लिए भी धन की आवश्यकता थी। हमने हर मोर्चे पर प्रभावी रूप से कार्य किया, सरकार ने जन-कल्याण की अनेक नई योजनाएँ आरंभ की, पिछली सरकार द्वारा बंद की गईं पुरानी योजनाओं को फिर से शुरू किया। हमने बिजली, सड़क, पानी जैसे कार्यों से किसी प्रकार का प्रकार का समझौता नहीं किया और पूंजीगत व्यय को लगातार बढ़ाया, जो अब 56 हजार करोड़ के रिकार्ड स्तर पर पहुँच गया है। हमने सरकार की परिसम्पत्तियों के प्रबंधन में भी शून्य से शिखर को छूआ। हमारे परिश्रम का ही परिणाम है कि प्रदेश की विकास दर 17 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है।

प्रदेश में हुए कई ऐतिहासिक आयोजन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी टीम की माईक्रो-प्लानिंग और प्रभावी क्रियान्वयन के परिणाम स्वरूप प्रदेश में हुए कई आयोजन ऐतिहासिक बन गए। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन, ग्लोबल इंवेस्टर समिट, खेलो इंडिया यूथ गेम्स, जी-20 की बैठकों के सफल आयोजन ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की प्रतिष्ठा को स्थापित किया। कोरोना काल में देश के एक राज्य से अपने गृह राज्य पैदल जाने वाले श्रमिकों के सेवा सत्कार में हमने कोई कसर नहीं छोड़ी। जनजातीय गौरव दिवस हो या विकास-पर्व और विकास-यात्राएँ हम जन-जन को विकास और सम्मान के अभियानों में जोड़ने में सफल रहे। प्रदेश में एक साल में एक लाख पदों पर सरकारी भर्तियों का लक्ष्य पूरा किया। प्रदेश में चीतों का आगमन और प्रदेश का एक बार फिर टाइगर स्टेट बनना राज्य के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि रही।

हर जरूरतमंद को गरीब कल्याण योजनाओं से जोड़ा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीब कल्याण की योजनाओं को हमारी टीम ने सफलतापूर्वक जमीन पर उतारा और हर जरूरतमंद को उनसे जोड़ा। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना, मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी, मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ, मुख्यमंत्री भू-आवासीय योजना, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना और पेसा नियम 2022 का क्रियान्वयन योजना इसके उदाहरण हैं। आहार आनुदान योजना और संबल योजना पुन: आरंभ करना, मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना से वरिष्ठ जन को विमान से यात्रा कराना, विद्यार्थियों के लिए सीएम राइज स्कूल आरंभ करना हमारी संवेदनशीलता का प्रतीक रहे और इन कार्यों ने इतिहास रच दिया। मुख्यमंत्री ई-स्कूटी योजना, मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन, मुख्यमंत्री कन्या विवाह, मुख्यमंत्री मेधावी, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति और मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना का सकारात्मक प्रभाव रहा। मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना, मुख्यमंत्री कृषक ऋण ब्याज माफी योजना, सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन ने हर जरूरतमंद को सहारा दिया। मेडिकल, इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक की पढ़ाई हिंदी में आरंभ कर हमने हिंदीभाषी विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, आर्थिक रूप से कमजोर और घुमक्कड़ स्व-रोजगार योजना लागू की गईं। महिलाओं के स्व-सहायता समूहों से 53 लाख बहनें जुड़ी, जिनमें से 17 लाख बहनें लखपति क्लब में शामिल हैं। वास्तव में स्व-सहायता समूह सही अर्थों में जन-आंदोलन बन गया है। हमने 5 करोड़ 30 लाख से अधिक लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया। किसानों, पशुपालकों और मछली पालकों के लिए क्रेडिट कार्ड्स बनवाए तथा चलित पशु एम्बुलेंस सेवा भी आरंभ की।

मध्यप्रदेश सांस्कृतिक अभ्युदय के शीर्ष पर पहुंचा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सांस्कृतिक अभ्युदय और सामाजिक समरसता के शीर्ष पर पहुँचा। श्री महाकाल महालोक, श्री अद्वैत लोक, श्रीराम राजा लोक, श्री देवी लोक, श्री हनुमान लोक और महाराणा प्रताप लोक का निर्माण हो रहा है। प्रदेश में संत श्री रविदास स्मारक, रानी दुर्गावती स्मारक, शंकरशाह-रघुनाथ शाह स्मारक, टन्ट्या मामा स्मारक, भीमा नायक स्मारक का निर्माण भी बड़ी उपलब्धि है, जिसमें आप सबका योगदान है।

प्रदेश ने अधोसंरचनात्मक विकास में अर्जित कीं अनेक उपलब्धियाँ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश ने अधोसंरचनात्मक विकास में अनेक उपलब्धियां अर्जित की। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 47 लाख हेक्टर से अधिक हुई, ऊर्जा क्षमता 29 हजार मेगावाट से अधिक हुई, पाँच लाख किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कें बनीं। अनेक सोलर पार्क, फ्लोटिंग पार्क, भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल का संचालन, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के साथ ही नि:शुल्क जाँच सुविधाएँ, तीन साल में 19 नए मेडिकल कॉलेजों की सौगात प्रदेश को मिली और रीवा-सीधी टनल अपने आप में एक आश्चर्य है। प्रदेश में 27 हजार करोड़ रुपए के नेशनल हाईवे के कार्य हुए, लगभग 50 हजार करोड़ रुपए की बीना रिफायनरी विस्तार योजना का शुभारंभ हुआ। नए एयरपोर्ट, हवाई अड्डों और हवाई पट्टियों का विस्तार एवं केन-बेतवा सिंचाई परियोजना भी हमारी उपलब्धि हैं।

मध्यप्रदेश देश का पसंदीदा इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बना

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भोपाल में सिंगापुर के सहयोग से संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क आकार ले रहा है। नए औद्योगिक क्षेत्र, नए इन्वेस्टमेंट कॉरीडोर्स, नए एमएसएमई क्लस्टर्स, स्टार्ट अप्स, इन्क्यूबेशन सेंटर, मेडिकल डिवाइस पार्क, खाद्य प्र-संस्करण उद्योग स्थापना ने प्रदेश को देश के पसंदीदा इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन में बदला है।

जन-भागीदारी ने कार्यों को दी गति

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सुशासन की स्थापना और माफिया उन्मूलन में प्रभावी कार्यवाही की गई। इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली आरंभ हुई, 23 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि-माफिया से मुक्त कराई गई। साइबर तहसील की क्रांतिकारी अवधारणा देश में पहली बार मध्यप्रदेश में लागू हुई। हमने आयुष्मान भारत योजना, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना में भी देश में अपना नाम स्थापित किया। मध्यप्रदेश देश में स्वच्छता तथा स्मार्ट सिटी मिशन में सिरमौर बना। जन-भागीदारी से चलाए गए अंकुर कार्यक्रम, ऊर्जा साक्षरता अभियान, एडाप्ट एन आंगनवाड़ी अभियान, विभिन्न वर्गों और समाजों की पंचायतों का आयोजन तथा ग्राम और नगर गौरव दिवस ने अद्भुत तरीके से लोगों को जोड़ा।

नीति क्रियान्वयन में हुए नवाचार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, स्टार्टअप नीति 2022, सहकारिता नीति 2023, युवा नीति 2023, विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति 2022, फिल्म नीति 2020, क्षमता निर्माण नीति 2023 लागू कर हमने नवाचार किया। राज्य सांख्यिकी आयोग का गठन, आकांक्षी जिलों में कार्य या फिर जिलों के परफार्मेंस की रेंकिंग, योजना आयोग ने लगातार एक उत्कृष्ट थिंक टैंक की भूमिका निभाई।