एमपी के मदन महल, बीना, रतलाम सहित देश के 50 रेलवे स्टेशनों में स्थापित होंगे प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र

रेलवे स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों के कल्याण और भलाई के लिए भारतीय रेलवे ने कुछ रेलवे स्टेशनों के सर्कुलेटिंग एरिया और कॉनकोर्स में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (PMBJK) स्थापित करने के लिए एक नीतिगत ढांचा तैयार किया है, जिनका संचालन लाइसेंसधारक करेंगे। पायलट परियोजना के तहत पहले  50 स्टेशनों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र स्थापित होंगे।

लाखों दैनिक आगंतुकों और यात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, भारतीय रेलवे अपने स्टेशनों पर सुविधाओं में लगातार वृद्धि कर रहा है। रेलवे स्टेशनों पर पीएमबीजेके स्थापित करने के उद्देश्य इस प्रकार हैं- सभी को किफायती मूल्यों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां और उपभोज्‍य वस्तुएं (जनऔषधि उत्पाद) उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के मिशन को बढ़ावा देना। रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों/आगंतुकों को जनऔषधि उत्पादों का आसानी से उपयोग करने में सक्षम बनाना। किफायती मूल्‍यों पर दवाइयां उपलब्‍ध कराकर समाज के सभी वर्गों के बीच कल्याण और भलाई को बढ़ावा देना। पीएमबीजेके खोलने के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना और उद्यमियों के लिए अवसर जुटाना।

इस योजना के तहत पीएमबीजेके को ‘अपेक्षित यात्री सुविधा’ माना जाएगा और उसके अनुसार रेलवे वाणिज्यिक रूप से लाइसेंसधारकों द्वारा संचालन के लिए सर्कुलेटिंग एरिया और स्टेशनों के कॉनकोर्स में तैयार किये गए आउटलेट उपलब्‍ध कराएगा। ये आउटलेट सुविधाजनक स्थानों पर सर्कुलेटिंग एरिया/परिसरों में स्थित होंगे, ताकि स्‍टेशनों पर आने और जाने वाले सभी यात्रियों को लाभ हो।

पीएमबीजेके रेलवे डिवीजनों द्वारा पहचान किए गए स्थानों पर लाइसेंसधारियों द्वारा स्थापित और संचालित किए जाएंगे। आईआरईपीएस के माध्यम से संबंधित रेलवे डिवीजनों के साथ ई-नीलामी द्वारा स्टाल प्रदान किए जाएंगे। इन स्टालों को एनआईडी अहमदाबाद द्वारा डिजाइन किया जाएगा। पीएमबीजेके आउटलेट्स के सफल बोलीदाताओं को जन औषधि की दुकान चलाने के लिए आवश्यक अनुमति और लाइसेंस प्राप्त करना होगा तथा उन्‍हें दवाइयों के भंडारण के लिए सभी वैधानिक आवश्यकताओं का भी अनुपालन करना होगा। पीएमबीजेके आउटलेट्स के सफल बोलीदाताओं को परिचालन शुरू करने से पहले पीएमबीजेके के लिए नोडल एजेंसी यानी फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) और जनऔषधि योजना (पीएमबीआई द्वारा अनिवार्य) के लिए अधिकृत वितरकों के साथ भी एक समझौता करना होगा।