यह धरा देती है अन्न, धन,
संवारती मानव जीवन
प्राणवायु देते यह वृक्ष,
जीने की राह सिखाती,
निरंतर चलती यह नदियां
सम्मान से सिर ऊंचा रखना,
सिखाते यह
अविचलित खड़े पर्वत हमें
और निरंतर बढ़ना लक्ष्य की ओर,
सिखाती संपूर्ण प्रकृति हमें
प्रकृति की हर एक अमूल्य वस्तु में,
सीखों का अपार भंडार है
यह पृथ्वी अद्भुत निर्माण,
उस अनजान परमात्मा का,
खुशी दुख गम सब कुछ देती है
किसी निमित्त यह हमें
पर यह प्रकृति अद्भुत वातावरण को लिए,
देती है खुशियों का भंडार हमें
दिनेश प्रजापत ‘दिन’
गांव- मूली, जालौर
संपर्क- 7231051900