प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार में ऐतिहासिक कोसी महासेतु सहित यात्री सुविधा से जुड़ी 12 रेल परियोजनाओं को बिहार राज्य की जनता को समर्पित की। इन परियोजनाओं में कोसी महासेतु, किउल नदी पर नया रेलपुल, 2 नई लाइन परियोजना, 5 विद्युतीकरण परियोजना, 1 इलेक्ट्रिक लोको शेड एवं 1 तीसरी रेल लाइन परियोजना शामिल है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज बिहार में रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नया इतिहास रचा गया है, कोसी महासेतु और किउल ब्रिज के साथ ही बिहार में रेल यातायात, रेलवे के बिजलीकरण, रेलवे में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने, नए रोज़गार पैदा करने वाले एक दर्जन प्रोजेक्ट्स का आज लोकार्पण और शुभारंभ हुआ है।
उन्होंने कहा कि 4 वर्ष पहले, उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले दो महासेतु, एक पटना में और दूसरा मुंगेर में शुरु किए गए थे। इन दोनों रेल पुलों के चालू हो जाने से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच, लोगों का आना-जाना और आसान हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारतीय रेल, पहले से कहीं अधिक स्वच्छ है। आज ब्रॉडगेज रेल नेटवर्क को मानवरहित फाटकों से मुक्त कर,पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाया जा चुका है। आज भारतीय रेल की रफ्तार तेज़ हुई है। आज आत्मनिर्भरता औऱ आधुनिकता की प्रतीक, वंदे भारत जैसी रेल नेटवर्क का हिस्सा होती जा रही हैं।
आज बिहार में 12 हज़ार हॉर्सपावर के सबसे शक्तिशाली विद्युत इंजन बन रहे हैं। बिहार के लिए एक और बड़ी बात ये है कि आज बिहार में रेल नेटवर्क के लगभग 90 प्रतिशत हिस्से का बिजलीकरण पूरा हो चुका है। बीते 6 साल में ही बिहार में 3 हज़ार किलोमीटर से अधिक के रेलमार्ग का बिजलीकरण हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज बिहार में किस तेज गति से रेल नेटवर्क पर काम चल रहा है, इसके लिए मैं एक तथ्य देना चाहता हूं। 2014 के पहले के 5 सालों में बिहार में सिर्फ सवा तीन सौ किलोमीटर नई रेल लाइन शुरु थी। जबकि 2014 के बाद के 5 सालों में बिहार में लगभग 700 किलोमीटर रेल लाइन कमीशन हो चुकी हैं।
आज बिहार में 15 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं। कुछ दिन पहले बिहार में एक नए एम्स की भी स्वीकृति दे दी गई। ये नया एम्स दरभंगा में बनाया जाएगा। इस नए एम्स में 750 बेड का नया अस्पताल तो बनेगा ही, यहाँ एमबीबीएस की 100 और नर्सिंग की 60 सीटें भी होंगी। इससे हज़ारों नए रोज़गार भी सृजित होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कल विश्वकर्मा जयंती के दिन, लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयक पारित किए गए हैं। इन विधेयकों ने हमारे अन्नदाता किसानों को अनेक बंधनों से मुक्ति दिलाई है, उन्हें आजाद किया है। इन सुधारों से किसानों को अपनी उपज बेचने में और ज्यादा विकल्प मिलेंगे और ज्यादा अवसर मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं, उनसे बचाने के लिए ये विधेयक लाए जाने बहुत आवश्यक थे। ये विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं। लेकिन कुछ लोग जो दशकों तक सत्ता में रहे हैं, देश पर राज किया है, वो लोग किसानों को इस विषय पर भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, किसानों से झूठ बोल रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनाव के समय किसानों को लुभाने के लिए ये बड़ी-बड़ी बातें करते थे, लिखित में करते थे, अपने घोषणापत्र में डालते थे और चुनाव के बाद भूल जाते थे। और आज जब वही चीजें एनडीए सरकार कर रही है, किसानों को समर्पित हमारी सरकार कर रही है, तो ये भांति-भांति के भ्रम फैला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिस एपीएमसी एक्ट को लेकर अब ये लोग राजनीति कर रहे हैं, एग्रीकल्चर मार्केट के प्रावधानों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं, उसी बदलाव की बात इन लोगों ने अपने घोषणापत्र में भी लिखी थी। लेकिन अब जब एनडीए सरकार ने ये बदलाव कर दिया है, तो ये लोग इसका विरोध करने पर उतर आए हैं। लेकिन ये लोग, ये भूल रहे हैं कि देश का किसान कितना जागृत है। वो ये देख रहा है कि कुछ लोगों को किसानों को मिल रहे नए अवसर पसंद नहीं आ रहे। देश का किसान ये देख रहा है कि वो कौन से लोग हैं, जो बिचौलियों के साथ खड़े है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब ये दुष्प्रचार किया जा रहा है कि सरकार के द्वारा किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं दिया जाएगा। ये भी मनगढ़ंत बातें कही जा रही हैं कि किसानों से धान-गेहूं इत्यादि की खरीद सरकार द्वारा नहीं की जाएगी। ये सरासर झूठ है, गलत है, किसानों को धोखा है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों को के माध्यम से उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी। कोई भी व्यक्ति अपना उत्पाद, दुनिया में कहीं भी बेच सकता है, जहां चाहे वहां बेच सकता है। लेकिन केवल मेरे किसान भाई-बहनों को इस अधिकार से वंचित रखा गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब नए प्रावधान लागू होने के कारण, किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में, अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेगा। मैं आज देश के किसानों को स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं। आप किसी भी तरह के भ्रम में मत पड़िए। इन लोगों से देश के किसानों को सतर्क रहना है। ऐसे लोगों से सावधान रहें जिन्होंने दशकों तक देश पर राज किया और जो आज किसानों से झूठ बोल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वो लोग किसानों की रक्षा का ढिंढोरा पीट रहे हैं लेकिन दरअसल वे किसानों को अनेक बंधनों में जकड़कर रखना चाहते हैं। वो लोग बिचौलियों का साथ दे रहे हैं, वो लोग किसानों की कमाई को बीच में लूटने वालों का साथ दे रहे हैं। किसानों को अपनी उपज देश में कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की आजादी देना, बहुत ऐतिहासिक कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में भारत का किसान, बंधनों में नहीं, खुलकर खेती करेगा, जहां मन आएगा अपनी उपज बेचेगा, किसी बिचौलिए का मोहताज नहीं रहेगा और अपनी उपज, अपनी आय भी बढ़ाएगा।