जब-जब होंठों पर: पिंकी दुबे

आँखें तब-तब भर आई
जब-जब होंठों पर
तुम्हारा नाम आया
मोहब्बत जिन्दा है
अब भी कहीं
फिर याद आया

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सताती है यादें तेरी मुझे
रात दिन
सोचतीं हूँ तुम्हें भुला दूँ
फिर भी मेरी,
हर कोशिश नाक़ाम है

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काजल चुराया आँखों से
नींदों से फिर ख़्वाब,
होंठों से मुस्कान चुराकर
कहते हैं
इश्क में यह सभी
आम बातें हैं

पिंकी दुबे