भारत-चीन सीमा विवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान देते हुए कहा कि मैं सदन को यह भी बताना चाहता हूं कि भारत ने चीन को हमेशा यह कहा है कि Bilateral relation दोनों पक्षों के प्रयास से ही विकसित हो सकते हैं, साथ-साथ ही सीमा के प्रश्न को भी बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि LAC पर peace and tranquility में किसी प्रकार की प्रतिकूल स्थिति का हमारी Bilateral Ties पर बुरा असर पड़ता है। कई high level joint statement में भी यह जिक्र किया गया है कि LAC तथा सीमाओं पर peace and tranquility कायम रखना Bilateral Relation के लिए अत्यंत आवश्यक है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे यह बताते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि भारतीय सेनाओं ने इन सभी चुनौतियों का डट कर सामना किया है तथा अपने शौर्य एवं बहादुरी का परिचय Pangong Tso के south एवं north bank पर दिया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सेनाओं ने इस बार भी यह साबित करके दिखाया है कि भारत की संप्रभुता एवं अखंडता की रक्षा करने में वे सदैव हर चुनौती से लड़ने के लिए तत्पर हैं और अनवरत कर रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि Friction क्षेत्रों में disengagement के लिए भारत का यह मत है कि 2020 की forward deployments जो एक-दूसरे के बहुत नजदीक हैं वे दूर हो जाएं और दोनों सेनाएं वापस अपनी-अपनी स्थाई एवं मान्य चौकियों पर लौट जाएं।
उन्होंने कहा कि बातचीत के लिए हमारी strategy तथा approach माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के इस दिशा निर्देश पर आधारित है कि हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी और को नहीं लेने देंगे। हमारे दृढ़ संकल्प का ही यह फल है कि हम समझौते की स्थिति पर पहुंच गए हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इन दिशा निर्देशों के दृष्टिगत सितम्बर, 2020 से लगातार military और diplomatic स्तर पर दोनों पक्षों में कई बार बातचीत हुई है कि इस disengagement का mutually acceptable तरीका निकाला जाए। अभी तक Senior Commanders के स्तर पर 9 rounds की बातचीत हो चुकी है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे सदन को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे इस approach तथा sustained talks के फलस्वरूप चीन के साथ Pangong Lake के North एवं South Bank पर disengagement का समझौता हो गया है।
उन्होंने कहा कि Pangong lake area में चीन के साथ disengagement का जो समझौता हुआ है उसके अनुसार दोनों पक्ष forward deployment को phased, coordinated and verified manner में हटाएंगे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस बातचीत में हमने कुछ भी खोया नहीं है । सदन को यह जानकारी भी देना चाहता हूं कि अभी भी LAC पर deployment तथा Patrolling के बारे में कुछ outstanding Issues बचे हैं । इन पर हमारा ध्यान आगे की बातचीत में रहेगा।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि Bilateral Agreements तथा Protocol के तहत पूर्ण disengagement जल्द से जल्द कर लिया जाए।चीन भी देश की सम्प्रभुता की रक्षा के हमारे संकल्प से अवगत है। यह अपेक्षा है कि चीन द्वारा हमारे साथ मिलकर बचे हुए मुद्दों को हल करने का प्रयास किया जाएगा।