प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना पर आयोजित वेबिनार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि हमारे सामने दुनिया भर से उदाहरण हैं, जहां देशों ने अपनी हुई मैन्यूफैक्चरिंग कैपेबिलिटीज को बढ़ाकर, देश के विकास को गति दी है।
उन्होंने कहा कि बढ़ती हुई मैन्यूफैक्चरिंग कैपेबिलिटीज, देश में रोजगार सृजन को भी उतना ही बढ़ाती हैं। हमारी नीति और रणनीति, हर तरह से स्पष्ट है। हमारी सोच है- मिनिमम गवर्नेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस और हमारी अपेक्षा है जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मानती है कि हर चीज में सरकार का दखल समाधान के बजाय समस्याएं ज्यादा पैदा करता है। इसलिए हम सेल्फ रेगुलेशन, सेल्फ अटेस्टिंग, सेल्फ सर्टिफिकेशन पर जोर दे रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि एडवांस सेल बैटरीज, सोलर पीवी मॉड्यूल्स और स्पेशियलिटी स्टील को मिलने वाली मदद से देश में एनर्जी सेक्टर आधुनिक होगा। इसी तरह टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को मिलने वाली पीएलआई से हमारे पूरे एग्रीकल्चर सेक्टर को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि ये पीएलआई जिस सेक्टर के लिए है, उसको तो लाभ हो ही रहा है, इससे उस सेक्टर से जुड़े पूरे इकोसिस्टम को फायदा होगा। ऑटो और फार्मा में पीएलआई से, ऑटो पाट्र्स, मेडिकल इक्विपमेंट्स और दवाओं के रॉ मटीरियल से जुड़ी विदेशी निर्भरता बहुत कम होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने कल ही देखा है कि भारत के प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया है। भारत के इस प्रस्ताव के समर्थन में 70 से ज्यादा देश आए थे। फिर यूएन महासभा में ये प्रस्ताव, सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
उन्होंने कहा कि भारत आज जिस तरह मानवता की सेवा कर रहा है, उससे पूरी दुनिया में भारत एक बहुत बड़ा ब्रांड बन गया है। भारत की साख, भारत की पहचान निरंतर नई ऊंचाई पर पहुंच रही है, पिछले साल हमने मोबाईल फोन व इलेट्रॉनिक कंपोनेंट्स के निर्माण के लिए पीएलआई योजना लांच की थी।
प्रधानमंत्री मोदी कहा है कि महामारी के दौरान भी इस सेक्टर में बीते साल 35000 करोड़ का प्रोडक्शन हुआ। यही नहीं कोरोना काल में भी इस सेक्टर में करीब 1300 करोड़ का नया इन्वेस्टमेंट भी आया है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत एक ब्रांड बन चुका है। अब आपको सिर्फ अपने प्रोडक्ट की पहचान बनानी है। अब आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी है। अगर मेहनत करनी है तो प्रोडक्शन क्वालिटी पर करनी है।