देश में कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के लिये केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विस्तृत गाइडलाइन जारी की हैं। नई गाइडलान के अनुसार किसी जिले, शहर या इलाके में कोरोना संक्रमण की पोजीटिविटी दर 10 प्रतिशत से पार जाने या फिर कोरोना के आक्सीजन और आइसीयू बेड 60 प्रतिशत भर जाने की स्थिति में स्थानीय प्रशासन को तत्काल उसे स्थानीय कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर देना चाहिए।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इन गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन का निर्देश दिया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि टीकाकरण कराने के साथ ही कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना चाहिए। उन्होंने लोगों को घर में भी मास्क पहनने की सलाह दी है, साथ ही कहा कि महिलाएं मासिक धर्म के दौरान भी कोरोना का टीका लगवा सकती हैं।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने घरों के अंदर भी मास्क पहनना शुरू कर दें। जिस तरह से संक्रमण फैल गया है, बेहतर होगा कि अगर हम किसी के साथ बैठे हैं तो हम अपने घरों के अंदर भी मास्क पहनें। लेकिन अगर घर में कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है तो उस व्यक्ति और घर में मौजूद सभी व्यक्तियों को निश्चित रूप से मास्क पहनना चाहिए। इसके अलावा कोरोना संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखना चाहिए।
वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि राज्यों को लॉकडाउन लगाने के लिए उद्देश्यपूर्ण, पारदर्शी और महामारी को लेकर निर्णय लेने के लिए एक व्यापक फ्रेमवर्क दिया गया है। प्रतिबंध 14 दिनों के लिए लागू किए जाएंगे।
गृह मंत्रालय की नई गाइडलाइंस के अनुसार किसी इलाके के एक बार कंटेनमेंट जोन घोषित हो जाने के बाद ऐसे इलाकों में नाइट कफ्र्यू लगाने और रात में किसी भी तरह की आवाजाही को पूरी तरह प्रतिबंधित करने को कहा गया है। इसके अलावा आवश्यक गतिविधियों को छोड़कर रात में मूवमेंट पर प्रतिबंध लगाया जाए, स्थानीय प्रशासन कफ्र्यू की अवधि तय करेगा।
इसके साथ ही सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, त्योहार संबंधी और अन्य समारोहों पर प्रतिबंध रहेगा। शादियों में लोगों की संख्या 50 लोग और अंतिम संस्कार में 20 लोग तक ही जा पायेंगे। शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मूवी थिएटर, रेस्तरां और बार, स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स, जिम, स्पा, स्विमिंग पूल और धार्मिक स्थान बंद रहेंगे, केवल आवश्यक सेवाएं, सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में जारी रहनी चाहिए।
रेलवे, बस, मेट्रो ट्रेन और कैब जैसे सार्वजनिक परिवहन अपनी क्षमता से आधे लोगों को लेकर संचालित किए जा सकते हैं। आवश्यक वस्तुओं के परिवहन सहित अंतरराज्यीय आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं। कार्यालय अपने आधे कर्मचारियों के साथ कार्य कर सकते हैं। औद्योगिक और वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों को शारीरिक दूरी कायम रखने के नियमों के अधीन किया जा सकता है। ऐसे प्रतिष्ठानों में समय-समय पर रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से परीक्षण किया जाएगा।