मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बिजली बिलों के संग्रहण का कार्य स्थानीय युवाओं को सौंपा जाए। शुरूआत में कुछ जिलों में मॉडल के रूप में स्थानीय युवाओं के समूहों को बिजली बिल संग्रहण का दायित्व सौंपा जाए। यह जिम्मेदारी ट्रांसफार्मर वार सौंपी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि अर्जित देयकों पर प्रोत्साहन स्वरूप निश्चित राशि, युवा समूहों को देने की व्यवस्था की जा सकती है। मुख्यमंत्री चौहान आज ऊर्जा विभाग की गतिविधियों की निवास पर समीक्षा कर रहे थे। बैठक में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बिजली कंपनियाँ क्वालिटी सेवा दें और पूरी वसूली करें। बिजली चोरी, तार चोरी जैसी घटनाओं पर निगरानी रखी जाए, टोका-टाकी हो और अपराधियों को दंडित किया जाए। इस प्रकार की गतिविधियाँ करने वालों पर यदि तत्काल कार्यवाही नहीं होगी तो चोरी की घटनाएं बढ़ेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली आपूर्ती, रख-रखाव, ट्रिपिंग, जले ट्रांसफार्मर बदलने में अकर्मण्यता बर्दाश्त नहीं होगी। जो कर्मचारी कार्यवाही नहीं कर रहे हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि घरों और खेतों को हमें बिजली देनी ही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने पूर्व क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की स्थिति में तत्काल सुधार लाने के निर्देश दिये। राइस मिल और क्रेशरों को विद्युत आपूर्ती के संबंध में व्यवस्था सुधारने, संधारण, कृषि और घरेलू फीडरों से नियमित सप्लाई, शिकायतों के तत्काल निराकरण और संधारण कार्य को तेजी से करने के निर्देश दिये गये।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संपूर्ण प्रदेश में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता और निरंतरता सुनिश्चित की जाए। ऊर्जा विभाग का अमला टीम भावना और दायित्व बोध से कार्य करे। ग्राम स्तर तक कार्य संस्कृति में सुधार आवश्यक है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बिजली चोरी, ट्रांसफार्मर्स के रख-रखाव, तार चोरी और हुकिंग के मामलों में जनता को जोड़ कर कार्य किए जाएं। जन-सामान्य को बिजली आपूर्ति की व्यवस्था के संबंध में जागरूक करना आवश्यक है, जो दोषी हैं उन पर कड़ी कार्यवाही की जाए।