एमपी के शासकीय कर्मचारियों के लिए घोषित स्वास्थ्य बीमा योजना भूली सरकार

मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि पिछली सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना 1 अप्रैल 2020 लागू करने की करने की घोषणा की गई थी। योजना को मूर्त रूप देने के लिए वित्त विभाग द्वारा दिनांक 19 फरवरी 2020 को आदेश जारी किया गया था जिसके तहत प्रदेश के सभी कर्मचारियों को IFMIS सॉफ्टवेयर में कर्मचारी परिवार विवरण एवं नामांकित विवरण 29 फरवरी 2020 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये गये थे, जिसे प्रदेश के लगभग सभी कर्मचारियों द्वारा पूर्ण कर लिया है।

सरकार बदलने एवं कोविड-19 महामारी के चलते उक्त योजना को सरकार द्वारा भुला दिया गया है। कर्मचारी इस आशा में अभी भी बैठे हैं कि योजना के क्रियान्वयन होने से वह एवं उनका परिवार स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ प्राप्त कर सकेगा। कोरोना की दूसरी लहर में राज्य कर्मचारी तथा उनके आश्रित परिवार के सदस्य कोरोना से संक्रमित हुए तथा उनका निजी अस्पतालाओं में लाखों रुपये खर्च हुए, यदि स्वास्थ्य बीमा योजना लागू होती तो कर्मचारी अपना एवं अपने परिवार का इलाज कैशलेश तरीके से करा सकते थे।

संघ के संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, मुन्ना लाल पटैल, आशुतोष तिवारी, बृजेश मिश्रा, डॉ. संदीप नेमा, गोविन्द विल्थरे, रजनीश तिवारी, डी.डी.गुप्ता, तरूण पंचौली, मनीष चौबे, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, गणेश उपाध्याय, प्रणव साहू, महेश कोरी, विजय कोष्टी, सुदेश पाण्डे, मनीष लोहिया, मनोज सेन, विनय नामदेव, प्रियांशु शुक्ला, प्रशांत शुक्ला आदि ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उक्त योजना शीध्र लागू की जाए।